
सागर में मंगलवार को रायकवार मांझी विकास महासभा ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। समाज के लोग नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने उज्जैन, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर की तरह सागर समेत मप्र में मांझी जाति को अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र जारी किए जाने समेत अन्य मांग रखी।
ज्ञापन के जरिए कहा कि पिछड़ा वर्ग अनुसूचि क्रमांक 12 पर मांझी जनजाति के पर्यायवाची मल्लाह, केवट, ढीमर, कहार को राज्य पिछड़ा वर्ग अनुसूचि क्रमांक 12 से विलोपित कर अनुसूचित जनजाति क्रमांक 29 पर मांझी में समाहित किया जाए। उज्जैन में मांझी समाज को अनुसूचित जनजाति के प्रमाण जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसी प्रकार सागर जिले समेत मप्र में भी यह आदेश जारी किया जाए।
इसके साथ ही सरकार ने पेसा एक्ट लागू कर वंशानुगत मछुआरों को तालाब आवंटन में मिली प्राथमिकता अधिकार से वंचित कर दिया है। हमारी मांग है कि पेसा अधिनियम में संशोधन कर मप्र सरकार 2008 मछुआ नीति के तहत तालाब आवंटन में प्राथमिकता लागू करें।
मछली पालन, सिंघाड़ा खेती को मिले कृषि का दर्जा
उन्होंने मांग की कि मप्र शसान द्वारा 1 जनवरी 2018 को जारी किए आदेश में संशोधन किया जाए। प्रदेश में जितने भी नदी, तालाब, डेम आदि हैं, उन्हें सिर्फ मांझी समाज को ही आवंटित किया जाए। मछली पालन, सिंघाड़ा खेती और कमलगट्टा व्यवसाय को कृषि का दर्जा दिया जाए। इस दौरान मांझी विकास महासभा के गोवर्धन रायकवार, उमाशंकर रायकवार, प्रह्लाद रायकवार, ब्रजेंद्र रायकवार, उमेश रायकवार समेत अन्य मौजूद रहे।