
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा के पीएचई विभाग से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां अधिकारियों ने 40 साल पुरानी कंडम जीप को हैंडपंप सुधार के लिए अनुबंध पर लगा लिया। जब यह बात तेंदूखेड़ा ब्लॉक के ग्रामीणों को पता चली तो वे हैरान होने के साथ ही चिंतित हो गए। उन्होंने कहा यदि इस वाहन से कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। क्योंकि जिस सीपीबी पासिंग जीप को अनुबंध पर लगाया गया है उसका तो मॉडल ही बनना बंद हो गया। अब आरटीओ कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
बता दें पिछले महीने दमोह में भीषण सड़क हादसे में जब 9 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद पुलिस प्रशासन और आरटीओ ने जिस प्रकार वाहनों पर चलानी कार्रवाई की, उसे देखकर लगा जेसे प्रशासन घटना के बाद सजग हो गया, लेकिन 40 साल पुराने वाहन को अधिकारी ही अनुबंध पर लगा रहे हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
तेंदूखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत पाठादो के ग्रामीण कुछ दिन पहले पीएचई कार्यलय गांव के बिगड़े हैंडपंप की शिकायत लेकर आए थे। पीएचई कार्यालय में अधिकारी के न मिलने पर ग्रामीणों ने मोबाइल पर बात कर अधिकारियों को जानकारी दी। उसके बाद मैकेनिक हैंडपंप सुधारने गांव पहुंचे, लेकिन वे जो वाहन लेकर गए उसको देख ग्रामीण हैरान रह गए और वाहन की फोटो खींचकर मीडिया को दी। उसके बाद मामला सामने आया कि जिस वाहन की समय सीमा बीस वर्ष पूर्व खत्म हो गई है वह आज सड़क पर चल रहा है और उसको एक शासकीय विभाग किराये पर लिए हैं।
हैंडपंप सुधार में लगा है वाहन
पीएचई कार्यलय तेंदूखेड़ा मे हैडपम्प सुधार कार्य में जो वाहन अनुबंध पर लगा है उसकी पासिंग सीपीव्ही है। यह पासिंग वर्ष 1980 से 84 के बीच परिवहन विभाग से जारी होती थी और नियम अनुसार शासकीय विभागों मे अधिकतम चार वर्ष पुराना वाहन ही अधिग्रहण कर सकते हैं। परिवहन विभाग के अनुसार किसी भी वाहन का परमिट 15 वर्ष का होता है। यदि उसका सुधार कार्य सही है तो 6 वर्ष और अतिरिक्त उस वाहन को वह स्वयं की जिम्मेदारी पर रख सकता है, लेकिन ऐसे वाहन का अनुबंध करके उसको किराये पर नहीं लगा सकता, लेकिन जो तेंदूखेड़ा पीएचई विभाग में हैंडपंप सुधार कार्य में वाहन अधिकृत किया है वह चालीस वर्ष पुराना है। उसकी तो सड़क पर चलने की समय सीमा ही खत्म हो गई है। मामले को लेकर तेंदूखेड़ा पीएचई विभाग के एसडीओ अशोक मुखाती का कहना है। वाहन इंजीनियर के अधीन होता है वही इसके संबंध मे जानकारी दे सकते हैं। इंजीनियर शशिभूषण ठाकुर का कहना है वाहन अधिकृत करना ई साब के अधीन होता है और पीएचई विभाग में समय सीमा का कोई नियम नहीं है। आरटीओ क्षितिज सोनी का कहना है वह मामले की जानकारी लेते हैं।