
जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने बताया कि बोर्ड से दोनों केंद्रों को बंद करने का प्रस्ताव आया है। इस वजह से निर्णय लिया गया है। नोडल अधिकारी राजेश रविदास ने भी इस निर्णय की पुष्टि की है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड परीक्षा में नकल के लिए कुख्यात दमोह जिले के दो परीक्षा केंद्रों को इस बार बंद करने का प्रस्ताव दिया है और उनकी जगह पर दो नए केंद्र तय किए हैं। इन नए केंद्रों पर परीक्षा देने के लिए छात्रों को अब पहले से ज्यादा दूरी तय करनी पड़ेगी।
दमोह जिले में सिग्रामपुर परीक्षा केंद्र बंद कर दिया गया है और यहां के छात्रों को जबेरा स्कूल में परीक्षा देने के लिए भेजा जाएगा। सिग्रामपुर से जबेरा की दूरी लगभग 10-12 किमी है, और अब 12वीं के 100 और 10वीं के 110 छात्रों को यहां परीक्षा देने जाना होगा। पिछले वर्ष सिग्रामपुर केंद्र पर एक शिक्षिका को अपने बेटे के उत्तर पुस्तिका को हल करके वापस लाने के आरोप में पकड़ा गया था, जिसके बाद बोर्ड ने इस केंद्र को बदलने का निर्णय लिया।
इसी तरह, सैलवाड़ा केंद्र पर भी दो साल पहले दसवीं का पेपर लीक होने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य ने छापा मारकर पेपर बरामद किया था। इस घटना में 6 शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज हुई थी और प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया था। इस केंद्र को भी बदलकर अब छात्रों को 12 किमी दूर तेंदूखेड़ा भेजा गया है।
इस बार जिले में परीक्षा केंद्रों की संख्या भी घट सकती है। नोडल अधिकारी राजेश रविदास ने बताया कि बोर्ड ने कुछ नकल के लिए बदनाम स्कूलों को केंद्र न बनाने का निर्णय लिया है। पिछले साल दमोह जिले का परिणाम प्रदेश में सबसे खराब रहा, जिसके चलते इस साल छात्रों की संख्या में भी कमी आई है। कक्षा 10वीं के लिए इस वर्ष 16,711 छात्र और कक्षा 12वीं के लिए 12,226 छात्र पंजीकृत हुए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है। जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने पुष्टि की है कि इन केंद्रों को बंद करने का प्रस्ताव बोर्ड से आया है और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।