
आईटीबीपी जवान अमित कुमार ने पथरिया पहुंचने पर बताया कि इस मामले की जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे शख्स को देश के साथ धोखा करने की सजा मिलेगी।
जिले के पथरिया थाना के केंद्रऊ गांव निवासी एक युवक के दस्तावेज पर आईटीबीपी में एक शख्स फर्जी तरीके से 9 साल से नौकरी कर रहा था। जब उसके इस कारनामे का भंडाफोड़ हुआ तो वह फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी युवक पर मामला दर्ज कर लिया है अब उसकी तलाश की जा रही है।
फर्जी दस्तावेज पर कर रहा था नौकरी
बताया गया कि दमोह जिले के पथरिया थाना के केंद्रऊ निवासी पर्वत आदिवासी के दस्तावेजों पर उत्तर प्रदेश के मथुरा का युवक आईटीबीपी असम डिब्रूगढ़ में नौकरी कर रहा था। इसका खुलासा तब हुआ जब युवक कई महीनों से छुट्टी पर घर आने के बाद नौकरी पर वापस नहीं जा रहा था। उसे पत्र भेजे जा रहे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उसे भगोड़ा घोषित कर उसे गिरफ्तार करने के लिए दमोह पुलिस को पत्र लिखा गया, लेकिन जब दमोह पुलिस से कोई जानकारी नहीं मिली तो आईटीबीपी का एक जवान अपने सिपाही की तलाश में दमोह के जिले के पथरिया पहुंचा।
आरोपी द्वारा नौकरी के दौरान दिए गए पते पर जवान पहुंचा तो पता चला कि पर्वत आदिवासी नौकरी ही नहीं कर रहा है। पर्वत आदिवासी को बुलाया गया तो उसने बताया कि उसकी एक बहन मथुरा में रहती है, इसलिए वह मथुरा आता जाता रहता है। कुछ साल पहले एक युवक मथुरा में मिला था, उससे लोन के संबंध में बात हुई तो उसने दस्तावेज मांगे जो उसे दिए गए, जिसमें आधार कार्ड भी शामिल था, जो कुछ साल पहले दिया है। उसने एक चेक दिया, जो फर्जी निकला था, उसके बाद से वह संपर्क में नहीं है।
इस मामले को लेकर एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि पथरिया गांव में जो पर्वत आदिवासी रहता है, उसके दस्तावेजों के आधार पर एक अन्य व्यक्ति आईटीबीपी में नौकरी कर रहा था। वह कैंप से लंबे समय से फरार था, जिसकी तलाश कर उनके सुपुर्द करने का पत्र आया था। जिसकी लोकल स्तर पर तलाश की गई, तो पता चला कि वह व्यक्ति नहीं है, जो आईटीबीपी में नौकरी कर रहा था। अब आईटीबीपी वाले उस फर्जी युवक की तलाश कर रहे हैं जो पर्वत आदिवासी की पहचान का ही व्यक्ति है।