
मध्य प्रदेश सहित जबलपुर जिले में भी 2 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होगी, लिहाजा जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार धान खरीदी की जिम्मेदारी मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) की बजाय नागरिक आपूर्ति निगम (नान) को दी गई है।
बता दें कि हाल ही में हुए धान खरीदी घोटाले की जांच में पाया गया था कि मार्कफेड के तहत खरीदी के दौरान किसानों पर सही ढंग से कंट्रोल नहीं था, जिससे बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई और सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। 2 दिसंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी के लिए अब तक कुल 174 वेयरहाउस की व्यवस्था की गई है। इस बार धान को खुले में नहीं रखा जाएगा।
धान खरीदी के लिए 6 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य
नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक दिलीप किरार ने बताया कि अब तक जबलपुर-बालाघाट सहित 18 जिलों में मार्कफेड धान और गेहूं की खरीदी कर रहा था, परंतु अब शासन स्तर पर निर्णय लिया गया है कि मध्य प्रदेश के सभी जिलों में नान खरीदी करेगा। शासन से मिले आदेश के बाद जबलपुर जिले में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कलेक्टर के निर्देश पर टीम काम कर रही है।
नान ने इस वर्ष धान खरीदी के लिए 6 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए लगभग 120 केंद्र बनाए जाएंगे। जिला प्रबंधक का कहना है कि पिछले साल करीब 36 वेयरहाउस को ब्लैकलिस्ट किया गया था, और उनके बारे में विचार किया जा रहा है कि धान खरीदी के दौरान इनका उपयोग करना है या नहीं?
धान खरीदी को लेकर तैयारियां शुरू
नान के जिला प्रबंधक दिलीप किरार ने बताया कि निश्चित रूप से पिछले साल धान खरीदी में बड़ी गड़बड़ी सामने आई थी, इस वर्ष पर्याप्त कर्मचारियों के साथ धान खरीदी की जाएगी। उन्होंने बताया कि धान खरीदी के लिए पर्याप्त बारदाना उपलब्ध है। हाल ही में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने धान खरीदी को लेकर नान के अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक भी ली है। अब जबकि धान खरीदी का काम नान कर रहा है, तो तिलहन खरीदी का काम मार्कफेड को सौंपा गया है।