
बीना में राधे राधे प्रभात फेरी मंडल ने कार्तिक माह के अंतिम दिवस भगवान लड्डू गोपाल, सालिगराम और तुलसी की पूजा अर्चना कर दीपदान कर भक्तों ने नाचते हुए कार्तिक माह की विदाई की।
कार्तिक मास, हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह चातुर्मास का आखिरी महीना होता है, भगवान विष्णु 4 माह से झीर सागर में सयन कर रहे होते हैं। देवउठनी एकादशी को जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु को उठो देव के जयकारों के साथ जगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार जालंधर का वध करने के बाद भगवान विष्णु चार माह आराम करने के लिए चले जाते हैं देवशयनी एकादशी के बाद से शुभ कार्य बंद हो जाते, लेकिन चार माह बाद देवउठनी एकादशी पर भगवान एक बार फिर उठते हैं।
भगवान विष्णु के जागते ही विवाह, नीव पूजन, गृह प्रवेश, वाहन खरीददारी व्यापार या नया कार्य शुरू करने का शुभ माना जाता है। इसलिए एकादशी को वर्ष भर में पढ़ने वाली एकादशी तिथियां में सबसे श्रेष्ठ माना गया और कार्तिक पूर्णिमा को दीपदान कर कार्तिक माह की विदाई की जाती है।
कार्तिक मास के अंतिम दिवस भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना दीपदान करने के पश्चात सभी ने एक दूसरी को बधाई दी, मिठाइयां बांटी और जमकर भक्तगण नाचे गए। राधे राधे प्रभात फेरी मंडल कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले स्नान के पश्चात सभी सुबह मां जागेश्वरी धाम से प्रभात फेरी निकाली गई। पूरे कार्तिक मास में स्नान-दान, तुलसी पूजन, गोपाष्टमी, ऐसे अनेक कार्यक्रम पूरे माह चलते रहे।