
कटनी में पीड़ितों पर झूठी एफआईआर होने से आक्रोशित लोग कटनी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और डीएसपी उमराव सिंह से मिलकर आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
मध्यप्रदेश के कटनी जिले में पुलिस के कारनामे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला बहोरीबंद थाना क्षेत्र का है, जहां फल का ठेला लगाने वाले एक गरीब दंपति को बिना वर्दी के पुलिसकर्मी ने रौब दिखाने की कोशिश की। गरीब का पक्ष लेने जब क्षेत्र के एक समाजसेवी का बेटा पहुंचा तो पुलिसकर्मी ने उससे अभद्र भाषा में बात की और गंदी-गंदी गालियां दीं, जिससे मामला झूमाझटकी तक पहुंच गया।
दरअसल, यह घटना बहोरीबंद बस स्टैंड की है। बाजार के दिन एक फल बेच रही महिला का सामान घर ले जाने के लिए उसका पति ऑटो लेकर दुकान पर पहुंचा। सामान रखकर जैसे ही वह घर जाने लगा, बिना वर्दी के बहोरीबंद थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी वहां आ गए और गाड़ी के कागजात दिखाने को कहने लगे। पुलिसकर्मी ने धमकी दी कि कागजात नहीं दिखाने पर पैसे देने होंगे। महिला ने विनती करते हुए कहा, “साहब, हम गरीब लोग हैं, जैसे-तैसे घर-परिवार चला रहे हैं। अगर, गलती हो गई है, तो माफ कर दीजिए।” लेकिन, पुलिसकर्मी ने ऑटो को थाने में खड़ा कर सड़ाने की धमकी देने लगे।
इस दौरान, कुछ दूरी पर खड़े क्षेत्र के जनपद पंचायत सदस्य के बेटे और समाजसेवी आयुष गुप्ता मौके पर पहुंचे और पुलिसवालों को समझाने लगे कि गाड़ी के कागज जो भी कम हैं, उन्हें बता दें वे बनवा लें। आयुष ने कहा कि उनकी पहली गलती है, माफ कर दें। लेकिन यह बात पुलिस आरक्षक आकाश साहू और अनुराग पाठक को बुरी लग गई। गुस्से में आकर पुलिसकर्मियों ने गालियां देना शुरू कर दिया, जिससे विवाद बढ़ गया। इस दौरान पुलिसवालों ने आयुष को डंडे से पीटा, जिससे उसके हाथ, पैर और पीठ में चोट आ गई।
विवाद के बाद फल विक्रेता कलावती बर्मन और आयुष गुप्ता थाने पहुंचे तो उनकी सुनवाई नहीं हुई। उल्टा, रात होते-होते आयुष गुप्ता और उनके साथी पारस जैन के खिलाफ ही मारपीट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर दिया गया। इससे आक्रोशित लोग कटनी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और डीएसपी उमराव सिंह से मिलकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने मामले की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।