
जबलपुर में 2 दिसंबर से धान की खरीदी होना है, लिहाजा जिला प्रशासन ने समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए जिले भर में उपार्जन समिति के 86 खरीदी केंद्र बनाए हैं। कुछ केंद्रों को लेकर आरोप लगाए जा रहे थे कि उनके खिलाफ गड़बड़ी हुई है, इसके बावजूद भी वहां पर भी केंद्र बना दिया गया है।
बताया जा रहा है कि केंद्र का चयन शासन की गाइडलाइन के अनुसार लाटरी पद्धति से ही किया जाना था लेकिन जिले में सेंटरों की संख्या कम होने के कारण ऐसा किया जाना संभव नहीं था।
56 हजार किसानों ने कराया पंजीयन
जानकारी के मुताबिक जिले में धान की फसल बेचने के लिए इस साल करीब 56 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। किसानों की संख्या पिछले साल से अधिक है लेकिन रकबा जरूर कम हुआ है। बताया जाता है कि सिकमी की जमीन को इस वर्ष खरीदी में शामिल नहीं किया गया है। धान की खरीदी के लिए नागरिक आपूर्ति निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
धान की तुलाई 2 दिसंबर से शुरू की जाएगी। इस साल जिले में अभी धान खरीदी के लिए 86 केंद्र बनाए गए हैं। इसके लिए करीब 55 से 60 क्विंटल धान की खरीदी करने का लक्ष्य रखा गया है।
150 से अधिक गोदाम चयनित
धान धुलाई के लिए जिले भर में डेढ़ सौ से अधिक गोदाम को चयनित किया गया है। आगे और भी गोदाम जरूरत पड़ने पर बढ़ाए जा सकते है। हालांकि यह भी तय किया जाना है कि धान की तुलाई केवल गोदाम में ही की जाएगी ताकि परिवहन की समस्या ना हो।
कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि
धान खरीदी के लिए शासन की नीति आने के बाद अब जिले में स्व सहायता समूह को भी धान खरीदी करने का दायित्व सौंपा जाना है, इनका चयन जिला स्तरीय उपार्जन समिति द्वारा किया जाएगा।
कलेक्टर के मुताबिक धान खरीदी के लिए इस साल गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना को भी कहा गया है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नॉन एफएक्यू के धान की तुलाई ना की जाए। धान की क्वालिटी के लिए पहले से तय माप दंडों का पालन सख्ती से किया जाए।
इस साल मोटी धान का समर्थन मूल्य 2300 रूपए प्रति क्विंटल एवं ए ग्रेड धान 2320 रुपए प्रति क्विंटल के दाम से खरीदी जाएगी।