
गुप्तकालीन पुरातात्विक स्थल एरण में दिसंबर में महोत्सव होगा। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने बीना में की थी। इस घोषणा पर जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर दिसंबर में महोत्सव कराने का आग्रह किया गया है। कलेक्टर संदीप जियाड की ओर से यह पत्र संस्कृति विभाग को लिखा गया है। कलेक्टर जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के अध्यक्ष भी हैं।
अब कार्यक्रम के संबंध में विभागीय अधिकारियों सहित सीएम की सहमति लेकर कार्यक्रम तय किया जाएगा। इसकी तारीख और समय प्रदेश में अन्य कार्यक्रमों की तारीखों को देखते हुए तय किया जाएगा। संस्कृति विभाग द्वारा कराए जाने वाले कार्यक्रमों की तारीखों के साथ यह तारीख न टकराए, ऐसी कोई तारीख तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सितंबर में बीना आए थे। इस दौरान हुए कार्यक्रम में उन्होंने एरण के पुरातात्विक महत्व को देखते हुए सालाना महोत्सव कराने की घोषणा की थी, ताकि एरण का प्रचार-प्रसार हो, साथ ही इसे देखने और समझने के लिए लोग आएं। पर्यटन बढ़े।
राजकीय और सैनिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र रहा
पत्र में बताया गया है कि गुप्त सम्राट समुद्र गुप्त के समय में एरण राजकीय तथा सैनिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। गुप्तकालीन वास्तु अवशेषों के लिए यह प्रमुख स्थान है। एरण में हूण शासक तोरमाण प्रथम के शासनकाल का लेख बराहमूर्ति पर अंकित है। एक अन्य गुप्तकालीन लेख गरुणध्वज स्तंभ पर अंकित है। यह दोनों शिलालेख ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। गुप्तकालीन अवशेषों के लिए एरण देशभर में विख्यात है।
पत्र भेजा गया है, आगे निर्देशानुसार कार्यक्रम तय होगा:
अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय ने बताया कि सितंबर में मुख्यमंत्री ने बीना में कार्यक्रम के दौरान एरण में महोत्सव कराने की घोषणा की थी, इस संबंध में संस्कृति विभाग को पत्र भेजकर दिसंबर में एरण महोत्सव कराने का आग्रह किया है। आगे शासन के निर्देशानुसार तैयारी की जाएगी।
जिला प्रशासन ने यह लिखा पत्र
जिला प्रशासन ने संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। इसमें मुख्यमंत्री की घोषणा के संबंध में लिखा है। बताया गया है कि 09 सितंबर को बीना में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गुप्तकालीन पुरातात्विक स्थल एरण में संस्कृति विभाग द्वारा एरण महोत्सव मनाए जाने की घोषणा की थी।