
आरबीएल बैंक की इंदौर शाखा के टास्क मैनेजर और अन्य अधिकारियों पर जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के खाते से 75 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ। बचत खाते को बिना अनुमति चालू खाते में बदलने और फर्जी ब्याज विवरण देने का आरोप है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आरबीएल बैंक की इंदौर स्थित विजय नगर शाखा के टास्क मैनेजर सहित अन्य के खिलाफ मदन महल पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बचत खाते को चालू खाते में परिवर्तित कर 75 लाख रुपये की वित्तीय नुकसान पहुंचाया गया है। बैंक द्वारा फर्जी स्टेटमेंट भी दिया गया था।
पुलिस के अनुसार साल 2022 में आरबीएल बैंक इंदौर के कुछ प्रतिनिधि जबलपुर स्मार्ट सिटी ऑफिस आए थे। इस दौरान उन्होंने बचत खातों में 6.25 प्रतिशत की दर से ब्याज देने की बात कही थी। इसके बाद स्मार्ट सिटी ने बैक में खाता खुलवाते हुए 20 करोड़ रुपए जमा करवाए थे। बैंक ने ब्याज का जो विवरण उपलब्ध कराया था, वह फर्जी निकला। ब्याज के रूप में 1 करोड़ 31 लाख 23 हजार मिलने चाहिए थे परंतु दस्तावेज में ब्याज की राशि 56 लाख रुपए दिखाई दे रही है।
जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बचत खाते को बिना अनुमति के चालू खाते में परिवर्तित कर दिया गया। बैंक ने खाते के संबंध में फर्जी स्टेटमेंट भी दिया था। वास्तव में ब्याज के रूप में लगभग 56 लाख रुपये ही जमा किए गए थे। इस तरफ बैंक द्वारा लगभग 75 लाख रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। पुलिस ने बैंक के टास्क मैनेजर कुमार मयंक सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर प्रकरण को विवेचना में लिया है। मदन महल थाने की पुलिस जांच के लिए इंदौर भेजी जा रही है।