
बीना में झांसी गेट स्थित शनिदेव मंदिर में शनिवार रात भगवान काल भैरव का प्राकट्योत्सव मनाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। काल भैरव के प्रकटोत्सव पर पहले पं. कौशल शास्त्री ने हवन कराया। इसके बाद भव्य महाआरती की गई। साथ ही भैरव बाबा को 56 भोग लगाया गया।
पुजारी निखिल जोशी ने बताया कि भैरव बाबा का प्रकटोत्सव शनिवार को मनाया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। गौरतलब है कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार अगहन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरव पूजा करने का विधान है। काल भैरव का जिक्र पुराणों में मिलता है। शिव पुराण के मुताबिक काल भैरव भगवान शिव का रौद्र रूप है।
काल भैरव की पूजा से दूर होती हैं तकलीफ
भैरव का अर्थ है भय को हरने या जीतने वाला, इसलिए काल भैरव रूप की पूजा से मृत्यु और हर तरह के संकट का डर दूर हो जाता है। नारद पुराण में उल्लेख है कि काल भैरव की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बीमारियां और तकलीफ भी दूर होती हैं। काल भैरव की पूजा देश में अलग-अलग नाम से और अलग तरह से की जाती है। कालभैरव भगवान शिव की प्रमुख गणों में एक हैं।