
खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद निर्देशक हरीश पटेल को कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया द्वारा प्रमाण पत्र और प्रशस्ति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंत्री भूरिया ने गांव पड़रिया थोबन के बारे में जानकारी भी ली।
खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दमोह के एक छोटे से गांव पर आधारित फिल्म “ये गांव मेरा” को सम्मानित किया गया है। इस फिल्म का निर्देशन सिनेमेटोग्राफर हरीश पटेल ने किया है। ओम शिव शक्ति फिल्म्स इंटरनेशनल के बैनर तले बनी यह फिल्म जबेरा ब्लॉक के स्मार्ट गांव पड़रिया थोबन के साधारण गांव से स्मार्ट गांव बनने तक की यात्रा को दर्शाती है। फिल्म की स्क्रीनिंग खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में की गई, जो इस वर्ष अपना दसवां सफल आयोजन मना रहा है।
यह महोत्सव देश-विदेश की कई चुनिंदा शॉर्ट फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री और फीचर फिल्मों की स्क्रीनिंग के लिए जाना जाता है। “ये गांव मेरा” डॉक्यूमेंट्री इससे पहले भी कई फिल्म महोत्सवों में पुरस्कृत हो चुकी है। महाराष्ट्र के जलगांव में आयोजित देवगिरी फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार जीता था। उज्जैन फिल्म फेस्टिवल और जबलपुर के महाकौशल फिल्म फेस्टिवल में भी इस फिल्म को पुरस्कार मिले थे। इस फिल्म को देखकर लोगों में गांव पड़रिया थोबन को करीब से जानने की उत्सुकता जाग जाती है।
कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया ने दिया प्रमाण पत्र
खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद निर्देशक हरीश पटेल को मध्य प्रदेश शासन की कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया द्वारा प्रमाण पत्र और प्रशस्ति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंत्री भूरिया ने गांव पड़रिया थोबन के बारे में जानकारी प्राप्त की और इस प्रयास को सराहा। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास गांवों का कायाकल्प कर सकते हैं और सभी को इस दिशा में काम करना चाहिए। मंत्री ने हरीश पटेल की सराहना करते हुए फिल्म की पूरी टीम और गांववासियों को शुभकामनाएं दीं।
दूसरी फिल्म का भी चयन
दमोह जिले से खजुराहो फिल्म महोत्सव में दो फिल्मों का चयन हुआ था। “ये गांव मेरा” के अलावा एमकेजी फिल्म्स के निर्देशक मधुरकांत गार्डिया की फिल्म “राजेश खन्ना: फर्स्ट सुपरस्टार” की स्क्रीनिंग भी हुई। इस वर्ष खजुराहो फिल्म फेस्टिवल राजेश खन्ना को समर्पित किया गया था। सुपरस्टार पर आधारित इस डॉक्यूमेंट्री को सराहा गया और मधुरकांत गार्डिया को भी प्रमाण पत्र और प्रशस्ति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
गांव की दशा और दिशा को बदला
फिल्मों की स्क्रीनिंग के समय फिल्म आयोजक राजा बुंदेला, निर्देशक राम बुंदेला, अभिनेता आरिफ शहडोली और दमोह के अरुण सोनी सहित कई फिल्मकार, कलाकार और दर्शक मौजूद रहे। राजा बुंदेला ने कहा कि अनुज बाजपेई के प्रयासों ने गांव की दशा और दिशा को बदल दिया है, जिसे इस फिल्म के माध्यम से देश-विदेश में पहचान मिल रही है। उन्होंने हरीश पटेल द्वारा समाज के सटीक विषयों पर बनाई जा रही गुणवत्तापूर्ण फिल्मों की भी सराहना की। इन प्रयासों से दमोह फिल्म निर्माण के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है।