
प्रदेश में प्राथमिक से लेकर आठवीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स को अलग-अलग स्तर पर यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि इसके लिए आगामी शिक्षा सत्र से पाठ्यक्रम में ऐसे प्रबंध किए जाएंगे। नई शिक्षा नीति में भी इसको लेकर प्रावधान करने को कहा गया है। इसलिए सरकार नए शिक्षा सत्र से इस पर फोकस करेगी। इसके लिए पुलिस विभाग ने भी सहमति दी है ताकि बच्चों के अवेयर होने से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सके।
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग स्कूली छात्रों को यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाने की कवायद शुरू करेगा। मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि जैसे हम अपने बच्चों को घर में संस्कृति की बातें सिखाते हैं, उसी तरह इसके लिए काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि बड़े होने पर कोई चीज सीखने से अच्छा है बचपन से ही छोटे-छोटे पाठ के माध्यम से बच्चों को सीख दी जाए। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि बाल मन को समय रहते ही अगर कोई बात सिखाई जाए तो बेहतर तरीके से और आसानी से समझ आती है। यातायात के नियमों का पालन कैसे होता है और कैसे नियमों का उल्लंघन होता है। यह सभी बातें बच्चों को सिखाना एक अच्छी पहल है। नई शिक्षा नीति भी यही कहती है।
पुलिस विभाग ने करेगा स्कूल शिक्षा विभाग का सहयोग
प्रदेश के 5वीं से 12वीं तक के करीब 90 लाख छात्र-छात्राओं को ट्रैफिक नियमों की शिक्षा दी जाएगी। इस योजना का संचालन पुलिस प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (पीटीआरआई) द्वारा किया जाएगा। योजना का उद्देश्य बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और उनकी भागीदारी के जरिए समाज में ट्रैफिक नियमों के पालन को बढ़ावा देना है। इस योजना को स्कूल शिक्षा विभाग से स्वीकृति मिल गई है। पीटीआरआई और स्कूल शिक्षा विभाग मिलकर इसे सुचारु रूप से लागू करेंगे।