
गीता जयंती के मौके पर बुधवार को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम पर 5 हजार आचार्यों और प्रतिभागियों द्वारा सामूहिक गीता पाठ किया जा रहा है।
राज्यस्तरीय कार्यक्रम में पहली बार 5 हजार से अधिक आचार्य गीता के तीसरे अध्याय ‘कर्म योग’ का सस्वर पाठ कर रहे हैं।
आयोजन के बाद इस गीता पाठ को विश्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने की भी दावेदारी की जाएगी। वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के लिए ग्राउंड पर पाठ करने आए हर आचार्य और प्रतिभागी को हाथ मे एक बैंड पहनाया गया है।
इस बैंड में एक QR कोड है उसी क्यूआर से पाठ करने वाले प्रतिभागियों की काउंटिंग हो रही है। इस गीता पाठ में बड़ी संख्या में बच्चे और मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हुई है।
कार्यक्रम के मंच पर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, जगदीश देवड़ा, संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, भोपाल के प्रभारी मंत्री चेतन कश्यप, विधायक रामेश्वर शर्मा और नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित कई आचार्य और साधु-संत पहुंचे।
गुना के गुरूकुल से आए 40 बटुक
कार्यक्रम में गुना के श्री परशुराम संस्कृत वेद विद्या गुरूकुल कुंभराज से 40 बटुक शामिल हुए हैं। इन बटुकों को गीता के 18वे अध्याय के 70 श्लोक कंठस्थ हैं। सामूहिक गीता पाठ में शामिल हुए हर आचार्य और बटुकों सहित सभी प्रतिभागियों को सरकार की ओर से ढाई-ढाई हजार रुपए की राशि बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
सीएम बोले- पवित्र धर्मग्रंथ ‘गीता’ से प्रदेश वासियों को जोड़ने का प्रयास
गीता जयंती के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म से लेकर मृत्यु तक अपनी लीलाओं और आदर्शों के माध्यम से समूचे समाज को प्रेरणा दी है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और पवित्र धर्मग्रंथ ‘गीता’ की शिक्षा से प्रदेश वासियों के जीवन को आलोकित करने और सनातन संस्कृति से जोड़ने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है।
प्रदर्शनी भी लगी
राज्यस्तरीय कार्यक्रम के दौरान श्रीमद भागवत पुराण और गौ एवं गोपाल चित्र प्रदर्शनी दिखाई जा रही है। साथ ही साधो बैंड मुंबई द्वारा भक्तिमय गीतों की सुरमई प्रस्तुति दी जाएगी। विशेष रूप से मध्यप्रदेश में आ रहे पर्यटकों और आगंतुकों को गीता की महिमा से अवगत कराने के लिए प्रदेश के होटलों में श्रीमद्भगवद्गीता, वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस की एक-एक प्रति रखने की पहल भी की जाएगी।
गीता जयंती क्या है
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस तिथि पर मोक्षदा एकादशी व्रत भी किया जाता है। पंचांग के अनुसार 11 दिसंबर को गीता जयंती है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा 5 हजार वर्ष पहले कौरव-पांडवों के युद्ध के बीच अर्जुन को कर्मवाद की शिक्षा प्रदान करने से धर्मग्रंथ ‘गीता’ की रचना हुई।

