
सैकड़ों बच्चे आरटीई के तहत स्कूलों में मिलने वाले प्रवेश से वंचित रह गए हैं। क्योंकि दूसरी सूची जारी नहीं हुई। जबकि शैक्षणिक सत्र समाप्त होने में कुछ ही दिन बचे हैं। समस्या उन गरीब परिवारों को हो गई है, जो केवल इसी उम्मीद में बैठे थे।
दमोह जिले भर में सैकड़ों बच्चे आरटीई के तहत स्कूलों में मिलने वाले प्रवेश से वंचित रह गए हैं। क्योंकि दूसरी सूची जारी नहीं हुई। जबकि शैक्षणिक सत्र समाप्त होने में कुछ ही दिन बचे हैं। समस्या उन गरीब परिवारों को हो गई है, जो केवल इसी उम्मीद में बैठे थे।
दरअसल, आरटीई की पहले चरण की प्रक्रिया के बाद दूसरे चरण की प्रक्रिया बीच में ही अटक गई, जिन अभिभावकों ने ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में भाग लिया था। उनके बच्चों का एडमिशन ही नहीं हो पाया। आंकड़े के अनुसार, जिले में इस तरह के 560 से ज्यादा बच्चों के अभिभावक इंतजार करते रह गए। बताया जाता है कि पोर्टल से इसकी सूची भी हटा ली गई है। इस मामले में अधिकारी भी कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। जबकि शैक्षणिक सत्र खत्म होने के लिए अब डेढ़ से दो माह का समय बचा है। इनमें से कई अभिभावक ऐसे हैं, जिन्होंने प्रक्रिया शुरू होने के पहले दौर में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। उन्होंने अपने आसपास के स्कूलों में भी बच्चों का एडमिशन नहीं लिया है। इससे बच्चों को उनकी पढ़ाई का नुकसान हो गया है। बच्चों के साथ अभिभावक भी दुविधा में है।
बटियागढ़ निवासी आशीष विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे हार्दिक विश्वकर्मा के एडमिशन के लिए लक्ष्मी नारायण गुरुकुल स्कूल बटियागढ़ में आवेदन किया था। पहले चरण की सूची में उसका नाम नहीं आया तो दूसरी चरण की सूची का इंतजार करते रहे, लेकिन सूची जारी ही नहीं हुई। जो सूची पोर्टल में वेटिंग के लिए डाली गई थी, वह भी अब हटा ली गई है। विश्वकर्मा ने बताया कि उन्हें अभी भी इंतजार है कि सूची जारी होगी।
इधर, शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी यह भी जवाब नहीं दे रहे हैं कि एडमिशन की सूची कब जारी होगी और गरीब बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश कब मिलेगा। बता दें कि पहले चरण में 30 जून तक समस्त छात्र-छात्राओं के आवेदन व ऑनलाइन प्रक्रिया से फार्म जमा करने थे। एडमिशन की तारीख बढ़ाकर सात जुलाई कर दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी ऑनलाइन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई।
इस संबंध में डीपीसी मुकेश द्विवेदी ने बताया कि कुछ निजी स्कूल न्यायालय में चले गए हैं। इसलिए प्रक्रिया अटक गई थी। अब पोर्टल में सूची नजर नहीं आ रही है। हालांकि इसका शासन से कोई नोटिफिकेशन भी नहीं आया है। इसलिए अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।