
दमोह में कोतवाली पुलिस ने टीकमगढ़ से तीन आरोपियों को रिमांड पर लिया है, जो प्राइवेट बैंक एलजेसीसी के पदाधिकारी हैं। इन पर ग्राहकों से धोखाधड़ी कर करीब 22 करोड़ रुपए की राशि ठगने का आरोप है। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है।
दमोह की कोतवाली पुलिस ने टीकमगढ़ से तीन आरोपियों को रिमांड पर लिया है, जो ग्राहकों से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए ठगने के आरोप में पकड़े गए हैं। ये आरोपी प्राइवेट बैंक एलजेसीसी के पदाधिकारी हैं, जिन्होंने टीकमगढ़ में नेटवर्क बिछाकर लोगों को एजेंट बनाकर करीब 22 करोड़ रुपए की राशि एक फर्जी संस्था में जमा कराई थी।
धोखाधड़ी का तरीका
कुछ महीने पहले, पुलिस ने राहुल असाटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। असाटी ने किल्लाई नाका के पास एलजेसीसी नाम से प्राइवेट बैंक संचालित किया था, जिससे दमोह शहर और आसपास के क्षेत्रों के ग्राहक जुड़े थे। इस बैंक में लोगों से आरडी (रेकरिंग डिपॉजिट) और एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) के रूप में राशि जमा कराई गई थी। जब ग्राहकों ने अपनी राशि वापस लेने का प्रयास किया, तो बैंक के अधिकारी और कर्मचारी फरार हो गए, और बैंक के दरवाजे पर ताला लगा मिला।
पुलिस की कार्रवाई
इस मामले की शिकायत कोतवाली पुलिस थाने में की गई, जिसके बाद पुलिस ने समीर अग्रवाल, विनोद तिवारी, आलोक जैन, सुरेंद्र पाल, टीकमगढ़ निवासी विजय शुक्ला, अजय तिवारी, बृजेंद्र रावत और दमोह निवासी राहुल असाटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। कोतवाली टीआई आनंद राज ने बताया कि फर्जी बैंक संचालित करने में भूमिका निभाने वाले विजय शुक्ला, अजय तिवारी और बृजेंद्र रावत को टीकमगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया।
पीड़ितों के लिए शिविर
आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस उनसे पूछताछ करेगी। इस मामले में जितने भी लोगों के साथ ठगी हुई है, उनके लिए एक शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें जानकारी एकत्रित की जाएगी ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही, आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर पीड़ितों को उनका पैसा दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।