
दमोह शहर के पुरैना तालाब किनारे मंगलवार दोपहर हटाए गए अतिक्रमण के विरोध में सर्व हिंदू समाज के बैनर तले अनेक लोगों ने बुधवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। लोगों ने इस कार्रवाई को गलत बताया है।
विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अंजू खत्री ने कहा कि
कुछ महीने पहले कलेक्टर के साथ शहर के सभी स्वयंसेवी संगठनों की एक बैठक हुई थी। जिसमें शहर विकास के नाम पर अतिक्रमण हटाने की बात की गई थी। उस समय कई बड़े अतिक्रमण चिह्नित कर प्रशासन को जानकारी दी गई थी कि उन अतिक्रमण को हटाया जाए। लेकिन प्रशासन ने उन्हें नहीं हटाया और गरीबों को चिन्हित कर उनके आशियाने उजाड़े जा रहे हैं। प्रशासन का यह तरीका पूरी तरह गलत है।
अंजू खत्री ने कहा कि पुरैना तालाब किनारे जो अतिक्रमण तोड़े गए हैं उन्हें तोड़ने की आवश्यकता नहीं थी। यदि उन अतिक्रमणों को हटाना इतना आवश्यक है तो वहां पर ग्रीन बेल्ट में आने वाले मॉल के हिस्से को भी तोड़ा जाए, जो वर्तमान में बनकर लगभग तैयार हो चुका है। पुराना थाना से समन्ना बाईपास तक बड़े पैमाने पर लोगों ने अतिक्रमण किया है। ऐसी भी जानकारी है कि कई लोगों को वहां पर शासन की ओर से मुआवजा मिल चुका है। उसके बाद भी लोगों ने अपने अतिक्रमण नहीं हटाया। इन सभी अतिक्रमणों को हटाया जाए।
उन्होंने कहा कि
अभी शहर का माहौल बहुत अच्छा था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के लापरवाही पूर्ण कार्रवाई के चलते शहर का माहौल बिगड़ रहा है और इसमें दमोह तहसीलदार मोहित जैन प्रमुख भूमिका अदा कर रहे, इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
हिंदू संगठन के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन इस तरह की दोषपूर्ण कार्रवाई करेगा तो उन्हें मजबूरी में विरोध प्रदर्शन करना होगा।