
सयुंक्त कलेक्टर अविनाश रावत ने बताया कि उनारीखेड़ा गांव का विस्थापन होना है। विस्थापित लोगों की सूची तैयार हुई थी, लेकिन 175 लोग उस सूची में आपत्र पाये गये थे। उन्होंने दमोह कलेक्टर के पास पात्र होने की शिकायत की थी।
रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में बाघों को बसाने के लिए तेंदूखेड़ा ब्लॉक के ऊनारीखेड़ा गांव का विस्थापन किया जाना है। इसके विस्थापन की प्रक्रिया में सैकड़ों ग्रामीणों को वन विभाग ने अपात्र घोषित कर दिया था, जबकि यह लोग पात्र थे। ग्रामीणों ने दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर से अपनी समस्या बताई और ग्रामीणों की मांग पर कलेक्टर कोचर वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने मोहली गांव पहुंचे। जहां उन्होंने सभी ग्रामीणों की समस्या सुनी और उनके दस्तावेज देखे। इसके बाद उन्हें आश्वासन दिया की जांच के बाद सभी ग्रामीणों को पात्र किया जाएगा और वन विभाग के अनुसार उन्हें मुआवजा भी दिया जाएगा।
बता दें जिस समय उनारीखेड़ा गांव के विस्थापन का सर्वें चल रहा था, जो लोग गांव में मिले उनको टीम ने पात्र कर दिया था। बाकि लोग इस प्रकिया में आपात्र हो गये थे। क्योंकि वह बाहर थे। जब लिस्ट जारी हुई तो कोई मजदूरी करने या अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए तेंदूखेड़ा में आकर रहने लगा तो कोई परिवार का भरण पोषण करने दूसरी जगह चला गया था। इसलिए ये सभी आपात्र हो गये थे। बाद में सभी अपात्र ग्रामीणों ने लिखित शिकायत की, उसके बाद दमोह कलेक्टर खुद नोरादेही अभ्यारण राजस्व अमला लेकर पहुंचे और ग्रामीणों के बीच उनकी समस्या सुनी।
कलेक्टर ने सुनी समस्याएं
दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर, संयुक्त कलेक्टर अविनाश रावत, तेंदूखेड़ा एसडीएम सौरभ गंधर्व, नायब तहसीलदार चंदशेखर शिल्पी के साथ मुहली रेस्टहॉउस पहुंचे। उन्होंने नोरादेही डीएफओ अब्दुल अंसारी, उपवनमंडल अधिकारी रेखा पटेल की मौजूदगी में लोगों की समस्याएं सुनी उनके दस्तावेजों को देखा। उसके बाद आश्वासन दिया की जो पात्र होगा उनको मुआवजा मिलेगा। यदि किसी को कोई समस्या होती है तो वह दमोह कलेक्ट्रेट में आकर अपनी समस्याओं से अवगत करा सकता है।
सयुंक्त कलेक्टर अविनाश रावत ने बताया कि उनारीखेड़ा झापन रेंज के अंतर्गत आता है, उनका विस्थापन होना है। विस्थापित लोगों की सूची तैयार हुई थी, लेकिन 175 लोग उस सूची में आपत्र पाये गये थे। उन्होंने दमोह कलेक्टर के पास पात्र होने की शिकायत की थी। जिसके बाद कलेक्टर ने मुहली रेस्टहॉउस पहुंचकर उनकी समस्या सुनी और जो आपात्र हुये है उनके दस्ताबेजो की पुनः जांच करने के निर्देश दिये है।