
बेमौसम बारिश के कारण जहां धान खरीदी केंद्रों में खुले में पड़ी लाखों क्विंटल धान बर्बाद हो गई है तो वहीं ओलावृष्टि की वजह से खेतों में लगी फसलों को भी क्षति पहुंची है।
इस प्राकृतिक आपदा से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। बारिश और ओलावृष्टि की चलते चना मसूर और गेहूं कि फसले प्रभावित हुई है। लिहाजा किसानों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उनके द्वारा प्रशासन से मांग की जा रही है कि सर्वे करा कर उनको मुआवजा प्रदान किया जाए।
तत्काल सर्वे कर मुआवजा देने की मांग
भारतीय किसान संघ के प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल ने बताया कि बेमौसम बारिश के कारण किसानों की चना, मटर, मसूर की फसलों में भारी नुकसान हुआ है।
इसके अलावा गेहूं के खेतों में भी 6 इंच तक पानी भर गया है। जिससे गेहूं की फसल के भी खराब होने की संभावना बढ़ गई है।
लिहाजा मांग की जा रही है कि प्रशासन बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान का तत्काल सर्वे कर उचित मुआवजा प्रदान करे।
सभी तहसीलों में बारिश और ओलावृष्टि का प्रभाव
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि बेमौसम हुई बारिश एवं ओलावृष्टि का असर जिले की सभी तहसीलों में देखने को मिला है।
बारिश के साथ गिरे ओले फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं ।
ओलावृष्टि के कारण पाटन के आरछा ग्राम सहित जिले की सभी तहसीलों में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। जिसके चलते अब उन्हें प्रशासनिक मदद की जरूरत है।
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक फसलों का सर्वे नहीं होगा तब तक नुकसान का आंकलन नहीं किया जा सकता। लिहाजा प्रशासन जल्द से जल्द सर्वे का कार्य शुरू कराए ताकि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।