
सोमवती अमावस्या का पर्व न केवल भारतवासियों के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि इस पर्व के महत्व को जानने के लिए विदेशी मेहमानों में भी उत्सुकता रहती है। ऐसा ही नजारा दिखाई दिया जबलपुर के नर्मदा तट गौरीघाट में जहां पर सुबह से ही मां रेवा के पावन जल में स्नान करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से भी कुछ विदेशी मेहमान गौरी घाट पहुंचे और मां नर्मदा के दर्शन कर भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं को करीब से जानना।
नर्मदा तट पर सुबह से श्रृद्धालुओं की भीड़
शास्त्रों एवं पुराणों में सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है। यही वजह है कि आज सोमवती अमावस्या के अवसर पर पवित्र क्षेत्र गौरी घाट में सुबह से ही नर्मदा स्नान एवं पूजन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। सुबह चल रही सर्द हवाओं और ठंड के बावजूद भी श्रद्धालुओं ने पुण्य सलिला मां रेवा के पावन जल में स्नान किया और सूर्य देव को अर्ध्य देकर मां नर्मदा एवं भगवान शिव के साथ श्री हरि विष्णु का पूजन किया।
श्रद्धालुओं एवं नर्मदा तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि सोमवार के दिन पढ़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और पूजन एवं दान पुण्य करने का विधान है।
नर्मदा दर्शन के लिए पहुंचे विदेशी मेहमान
सोमवती अमावस्या के मौके पर नर्मदा तट ग्वारीघाट में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से भी कुछ विदेशी पर्यटक मां नर्मदा के दर्शन के लिए पहुंचे। ऑस्ट्रेलिया ब्रिसबेन से आई जूली और एंड्रयू, के साथ ही न्यूजीलैंड के ट्रंप और हार्ले ने बताया कि वह पहली बार जबलपुर पहुंचे हैं। गौरी घाट पहुंचकर उन्हें बहुत अच्छा लगा। भारतीय त्यौहार सोमवती अमावस्या को करीब से जानने की कोशिश की। उन्हें यहां का कल्चर और त्यौहार बेहद लुभाते हैं। यहां का अनुभव भी बहुत ही शानदार रहा।
महिलाओं ने मां तुलसी की पूजा कर 108 परिक्रमा की
सोमवती अमावस्या पर सुहागन महिलाओं ने नर्मदा तट गौरी घाट में मां तुलसी का पूजन कर उनकी 108 बार परिक्रमा की और अखंड सौभाग्य के साथ ही परिवार की सुख समृद्धि के लिए कामना की।
50 हजार से अधिक श्रद्धालु मां नर्मदा के तट पर पहुंचे
जबलपुर में नर्मदा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से होमगार्ड के जवानों की भी तैनाती की गई है। वहीं यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए चार पहिया वाहनों को नर्मदा घाट तक जाने की मनाही रही। अब तक करीब 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गौरी घाट और जिलहरी घाट में नर्मदा स्नान किया।