
सरकार ने नॉन-यूरिया फर्टिलाइजर बनाने वाली कंपनियों के लिए प्रॉफिट मार्जिन तय किया गया है। इम्पोर्ट के मामले में अधिकतम प्रॉफिट मार्जिन 8%, मैन्युफैक्चरर कंपनियों के लिए 10% और इंटिग्रेटेड मैन्युफैक्चरर कंपनियों के लिए 12% होगा।
हाइलाइट्स
- नॉन-यूरिया फर्टिलाइजर्स कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन तय
- एनबीएस फर्टिलाइजर टेक्निकली प्राइस कंट्रोल से बाहर है
- इनकी कीमत बनाने वाली कंपनियां तय करती हैं
नई दिल्ली: देशभर के करोड़ों किसानों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने एक तरह से नॉन-यूरिया फर्टिलाइजर्स को प्राइस कंट्रोल के तहत ला दिया है। इससे कंपनियां किसानों से न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) सपोर्ट के तहत आने वाले डीएपी, एमओपी और दूसरे फर्टिलाइजर्स की मनमानी कीमत वसूल नहीं कर पाएंगे। यूरिया फर्टिलाइजर्स की कीमत सरकार तय करती है लेकिन एनबीएस फर्टिलाइजर टेक्निकली नियंत्रण से बाहर है। अप्रैल 2010 में लाई गए एनबीएस स्कीम के तहत नॉन-यूरिया फर्टिलाइजर्स को बाजार के हवाले कर दिया गया था। इनकी कीमत कंपनियां तय करती हैं। सरकार इस पर प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देती है। रबी सीजन के लिए नाइट्रोजन पर प्रति किलो 47.2 रुपये, फॉस्फोरस पर 20.82 रुपये, पोटाश पर 2.38 रुपये और सल्फर पर 1.89 रुपये प्रति किलो सब्सिडी दी गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक डिपार्टमेंट ऑफ फर्टिलाइजर्स ने 18 जनवरी को जारी एक ऑफिस मेमोरेंडम में एनबीएस के तहत आने वाले नॉन-यूरिया फर्टिलाइजर्स की एमआरपी तय करने के लिए डिटेल गाइडलाइन दी है। यह गाइडलाइन एक अप्रैल, 2023 से लागू होगी। इसमें फर्टिलाइजर कंपनियों के लिए प्रॉफिट मार्जिन तय किया गया है। इम्पोर्ट के मामले में अधिकतम प्रॉफिट मार्जिन 8%, मैन्युफैक्चरर कंपनियों के लिए 10% और इंटिग्रेटेड मैन्युफैक्चरर कंपनियों के लिए 12% होगा। इसके मुताबिक गैर-वाजिब प्रॉफिट कमा रही कंपनियों को 10 अक्टूबर तक विभाग को रिफंड देना होगा। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन्हें सालाना 12 परसेंट के हिसाब से ब्याज देना होगा।
कितनी है कीमत
इस तरह सरकार ने कंपनियों के प्रॉफिट पर सीमा लगाकर नॉन-यूरिया फर्टिलाइजर्स को अप्रत्यक्ष रूप से एमआरपी कंट्रोल के तहत ला दिया है। एक सूत्र ने कहा कि नॉन-यूरिया फर्टिलाइजर्स पहले से ही अनौपचारिक प्राइस कंट्रोल में है। यह लोकसभा चुनावों तक जारी रहेगा। हमने डीएपी के लिए एमआरपी 27,000 रुपये, एमओपी के लिए 33,100 रुपये, एनपीके के लिए 29,400 करोड़ रुपये और एनपीकेएस फर्टिलाइजर्स के लिए 25,000 रुपये फिक्स किया है।