
यूनियन कार्बाइड का 337 टन जहरीला कचरा भोपाल से पीथमपुर पहुंचने के बाद तीसरे दिन हालात कुछ सुधरे। शुक्रवार बंद के बाद शनिवार सुबह बाजार खुले। हालांकि, एक अफवाह ने प्रदर्शनकारियों को उग्र कर दिया। शुक्रवार देर रात तारपुरा व आसपास के गांवों में अफवाह फैल गई कि कंटेनर से रासायनिक कचरा निकाला गया है और कुछ कर्मचारी हताहत हुए हैं।
इसके बाद शुक्रवार देर रात कंपनी के पीछे की तरफ लगे खाली टेंट में भी अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। इससे शनिवार सुबह भीड़ उग्र हो गई। लोगों ने कंपनी के गेट के सामने पथराव कर दिया। पुलिस के दाे वाहनों में तोड़फोड़ हुई।
आत्मदाह की कोशिश करने वाले दो युवकों समेत 180 पर केस
प्रदर्शन मामले में 6 एफआईआर दर्ज हुई हैं। खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने वाले राजकुमार रघुवंशी व राज पटेल समेत 180 पर केस दर्ज।
रहवासी बोले : 2015 में जले कचरे की रिपोर्ट सार्वजनिक करें
विरोध के बीच शनिवार को अफसरों ने एक घंटे तक जनसंवाद किया। रहवासियों ने कहा कि यदि 2015 में जलाए कचरे के कोई साइड इफैक्ट नहीं हैं तो उसकी रिपोर्ट धार कलेक्टर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सार्वजनिक करें।
पुलिस ने भीड़ काबू करने के लिए 3 बार आंसू गैस के गोले छाेड़े। कंपनी से लगे गांवों में पेट्रोलिंग की गई। ड्रोन से घरों की छतों की निगरानी की।
सीएस बोले– फसल, जनता व पानी पर जहरीले कचरे का असर ‘जीरो’
कचरे पर घमासान के बीच सीएस अनुराग जैन ने साफ किया है कि इसका असर अब शून्य हो चुका है। शनिवार को मीडिया से बातचीत में सीएस ने कहा कि 2013 और 2015 में इसी जगह हैजार्डस् (खतरनाक) कचरा जलाया गया।
इसके बाद 3 बिंदुओं- फसल का उत्पादन, जल स्रोतों की गुणवत्ता और लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव की जांच की गई। तीनों पर जांच में प्रभाव ‘जीरो’ मिला। जैन ने कहा कि कचरे के निष्पादन (जलाने) के मामले में कई तरह का भ्रम बना हुआ है। क्षेत्र के सीनियर नेताओं को भी सही जानकारी नहीं है।
- वो 5 सवाल जिनके जवाब सभी जानना चाहते हैं
Q. कचरा जलाने के बाद नुकसान हुआ तो किसकी जिम्मेदारी?
सीएस : कचरा जलाना एक दिन की प्रक्रिया नहीं है। इससे निकलने वाली गैसों का आकलन होता रहेगा। कोई प्रभाव दिखा तो तुरंत इसे रोका जाएगा।
Q. कचरा पीथमपुर में ही क्यों जला रहे?
सीएस : हर राज्य में एक हैजार्डस् वेस्ट डिस्पोजल फैसिलिटी है। मप्र में सिर्फ पीथमपुर में है। यहां ट्रायल रन सफल रहा। वीरान जगह पर नहीं जला सकते।
Q. भविष्य में कैंसर जैसी बीमारियों के होने का खतरा है?
सीएस : ऐसी संभावना शून्य है।
Q. जब कचरे में 60% मिट्टी है तो इतने प्रोटोकॉल से इसे सनसनीखेज क्यों बनाया गया?
सीएस : कोर्ट ने आदेश में एक प्रोटोकॉल तय किया है। उसी का पालन कर रहे हैं।
Q. ठंड में ही कचरा जलाने की कोशिश क्यों हो रही है?
सीएस : ऐसा नहीं है। कचरा एक बार में नहीं जलेगा। हर मौसम में कचरे को जलाया जाएगा। इसमें मानकों का अध्ययन होगा। यदि किसी मौसम में कोई हानिकारक तत्व वातावरण में अधिक मिलता है तो उसकी प्रक्रिया बदली जाएगी।