
जबलपुर के पाटन और शाहपुरा के 6 उपार्जन केन्द्रों में मिली गड़बड़ी के बाद कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं। लिहाजा जांच के लिए गठित पांच टीमें इन उपार्जन केंद्रों की पड़ताल कर रही है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने उपार्जन केंद्रों में की जा रही जांच की वीडियो ग्राफी भी करने के निर्देश दिए थे।
औसत से ज्यादा की जा रही थी धान खरीदी
खाद्य विभाग की सहायक आपूर्ति नियंत्रक संजय खरे ने बताया कि, विगत दिनों कलेक्टर दीपक सक्सेना धन उपार्जन केंद्रों के निरीक्षण पर निकले थे। उन्होंने शाहपुरा तहसील की सेवा सहकारी संस्था पिपरिया कला की बलराज विहार हाउस का निरीक्षण किया था। वहां करीब 5000 क्विंटल धान का ढेर लगा था। धान किसकी अनुमति से रखी गई थी इसकी कोई जानकारी तहसीलदार और एसडीएम के साथ ही फूड कंट्रोलर को नहीं दी गई।
लिहाजा कलेक्टर ने इसके जांच के निर्देश दिए थे। इसके अलावा अनमोल संकुल स्तरीय संगठन पाटन, सेवा सहकारी संस्था सरौंद क्रमांक-2, सेवा सहकारी संस्था सहसन, सेवा सहकारी संस्था मुर्रई, सेवा सहकारी संस्था की रिपोर्ट भी जल्द कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
गड़बड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई
खाद्य विभाग के सहायक आपूर्ति नियंत्रक संजय खरे ने बताया कि, जांच में अनियमितता जाने पर कार्यवाही भी की जाएगी। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि धान उपार्जन में गड़बड़ी और लापरवाही बरतने वालों पर कार्यवाही की जाएगी।