
जबलपुर के हाथी ताल क्षेत्र में 18 साल की लड़की से छेड़छाड़ में दो नाबालिग आदिवासी लड़कों को आरोपी बनाए जाने के मामले में गोंड समाज ने बुधवार को एसपी कार्यालय का घेराव किया। गोंड समाज के लोगों का आरोप है कि गोरखपुर थाने की एसआई सोनल पांडे ने मामले की सही तरीके से जांच नहीं की और दोनों सगे भाइयों को आरोपी बना दिया।
एस आई को हटाने की मांग….
गोंड महासभा ने बुधवार को एसपी कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई। समाज के लोगों और बच्चों की मां का कहना है की जिस लड़की ने रिपोर्ट लिखाई है उसके परिवार के साथ उनका पुराना विवाद है लिहाजा इस मामले में उनके दोनों बेटों को झूठा फंसाया गया है। पीड़ित पक्ष ने एस आई को हटाने की मांग भी की है। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की दोबारा से जांच कराने पर जोर दिया है।
24 घंटे में सीसीटीवी फुटेज की जांच होगी
इस मामले में एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि शिकायतकर्ताओं की मांग पर घटना दिनांक के सीसीटीवी फुटेज की 24 घंटे के भीतर पीड़ित पक्ष की उपस्थिति में दोबारा जांच कराई जाएगी। गोरखपुर सीएसपी को इस की जांच का जिम्मा सौंपा है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
31 तारीख को दर्ज हुई थी एफआईआर
गोंड समाज के लोगों ने बताया कि 31 दिसंबर को प्रकरण दर्ज किया गया था। दोनों नाबालिग बच्चों को पुलिस अपने साथ ले गई थी। उसके बाद उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया। गौरतलब है की छेड़खानी के इस मामले में लगभग एक सप्ताह पूर्व सिख समाज ने भी लड़की के समर्थन में गोरखपुर थाने का घेराव कर कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके बाद इन दोनों नाबालिग लड़कों पर मामला दर्ज किया गया था।