
जबलपुर में प्रदेश के सबसे लंबे (7.50 किमी) फ्लाई ओवर की रोटरी के समीप ऊपरी परत में क्रैक आने का मामला सामने आया है। जिसके बाद 800 करोड़ रुपए की लागत में मदनमहल से दमोह नाका तक बन रहे प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाई ओवर की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दरअसल, मदनमहल से दमोहनाका फ्लाई ओवर का काम पूरा होने के पहले शुरू हुए महानद्दा से एलआईसी वाले हिस्से में बनी रोटरी के पास चंद महीनों में दरारें पड़ गई है। हाल ही में इसकी कुछ तस्वीरें सामने आई थी। जिसके बाद लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया गया और फ्लाई ओवर में आई दरारों का निरीक्षण करने भोपाल से उच्च स्तरीय जांच दल जबलपुर पहुंचा।
करीब एक घंटे तक मौके में जांच के बाद दल में शामिल अधिकारियों ने टेक्निकल स्टाफ से चर्चा की और एलिवेटेड कॉरिडोर के पेवमेंट में आई दरारों की वजह का पता लगाने के निर्देश दिए। अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही रिपोर्ट तैयार कर सरकार के समक्ष पेश की जाएगी।
800 करोड़ की लागत से बन रहा है फ्लाई ओवर
जबलपुर में 800 करोड़ की लागत से मदन महल से लेकर दमोह नाका तक (7.50 किमी) फ्लाई ओवर का निर्माण कराया जा रहा है। फिलहाल इसका एक हिस्सा महानद्दा से लेकर एलआईसी तक शुरू कर दिया गया है। जिसके ऐलिवेटेड कॉरिडोर के पेवमेंट में आई कुछ दरारों के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर उच्च स्तरीय जांच दल गठित किया गया।
गुरुवार सुबह मौके पर पहुंचे जांच दल में लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई, प्रमुख अभियंता राणा एवं मुख्य अभियंता एसके वर्मा के साथ अन्य अधिकारी शामिल थे। उनके द्वारा जहां-जहां दरारें आई थी वहां का मुआयना कर फोटोग्राफ्स लिए गए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार से भी इस पूरे मामले में चर्चा की है।
टेक्निकल स्टाफ से कराई जाएगी जांच
एसीएस नीरज मंडलोई ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर यह जांच की जा रही है। फिलहाल अधिकारियों ने उन्हें जो जानकारी दी है उसके तहत रोटरी के निर्माण और डिजाइन में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है। बावजूद फ्लाई ओवर की रोटरी के हिस्से में चंद महीनों में क्रैक किस वजह से आए है इसकी तकनीकी जांच कराई जाएगी।
फरवरी में शुरू हो सकता है दूसरा हिस्सा
अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि, मदन महल से दमोह नगर तक कम्प्लीट फ्लाई ओवर का निर्माण फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा और उसी माह इसका उद्घाटन भी किया जा सकता है हालांकि दमोह नाका से फ्लाई ओवर के एक्सटेंशन के कार्य में वक्त लगेगा।
