
मकर संक्रांति पर्व मंगलवार को मनाया जाएगा। इस पर्व पर लोग पतंगबाजी करते हैं। ऐसे में एमपी ट्रांसको (मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी) ने सागर की ट्रांसमिशन लाइनों के पास खासकर मकर संक्रांति पर्व के मौके पर चायनीज मांझे से पतंग उड़ाने के कारण संभावित दुर्घटना की आशंकाओं पर अंकुश लगाने रोको-टोको अभियान शुरू किया है। एमपी ट्रांसको ने सागर के स्थानीय जिला प्रशासन से चायनीज मांझे के इस्तेमाल पर रोक और ट्रांसमिशन लाइनों के पास के क्षेत्रों को संवेदनशील और खतरनाक घोषित करने के लिए पत्र लिखा है।
एमपी ट्रांसको के मुख्य अभियंता संदीप गायकवाड़ ने बताया कि सागर में मकर संक्रांति पर्व पर पतंग उड़ाए जाने वाले संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों से व्यक्तिगत संपर्क करने के अलावा पोस्टर व बैनर, पीए सिस्टम के माध्यम से उन्हें सचेत व सतर्क किए जाने का अभियान चलाया जा रहा है। जिससे नागरिकों की सुरक्षा हो सके। साथ ही उपभोक्ताओं को बिजली के अनावश्यक व्यवधान का सामना न करने पडे़।
चायनीज मांझा खतरनाक हो सकता है
चायनीज मांझा चीन से आने वाले धातु से लिपटी पतंग की डोरी होती है। इसमें कई तरह के केमिकल और धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है। यह डोरी बिजली का अच्छा सुचालक बना देता है जो संपर्क में आने से पतंग उड़ाने वाले के लिए खतरनाक साबित होता है। साथ ही ट्रांसमिशन लाइन में लिपटने से व्यापक क्षेत्र में बिजली व्यवधान और जनधन हानि की आशंका रहती है।
सागर में ये क्षेत्र हैं संवेदनशील
सागर में मकरोनिया, बड़तूमा आदि क्षेत्र चायनीज मांझे के कारण संभावित दुर्घटना के लिए अति संवेदनशील क्षेत्र हैं। जहां पर ट्रांसमिशन लाइनों के संपर्क में न आने के लिए सुरक्षा और सतर्कता की जरूरत है। जिसको लेकर एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने सागर जिला प्रशासन से ट्रांसमिशन लाइनों के पास चायनीज मांझे के साथ पतंग न उड़ाने और मांझे के विक्रय किए जाने पर प्रतिबंध लगाए जाने का भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(2) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जाने का आग्रह किया है।