
दमोह जिले के बांसा तारखेड़ा गांव में सोमवार से पांच दिवसीय शिविर सोमवार से शुरू हुआ है। कंबल वाले बाबा के नाम से मशहूर गणेश यादव के शिविर में पहले ही दिन हजारों लोग पहुंचे।
गुजरात के रहने वाले बाबा गणेश यादव ने बताया कि उन्हें यह कंबल 4 साल की उम्र में मां से आशीर्वाद स्वरूप मिला था। उन्होंने कहा, “मैं कुछ नहीं हूं, सारी शक्ति मां के आशीर्वाद से मिले इस कंबल में है, जिससे लोगों की सेवा कर पाता हूं।”
वे पूरी तरह अनपढ़ हैं। उनके खाते में मात्र 1400 रुपये हैं। शिविर तक पहुंचने के लिए ट्रेन के जनरल डिब्बे का ही इस्तेमाल करते हैं। इस बार उन्हें बांसा निवासी अभिज्ञान परिहार के आमंत्रण पर शिविर के लिए बुलाया गया।
शिविर की खास बात है कि मरीजों को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिए कम से कम पांच बार आना अनिवार्य होता है। यह पांच मुलाकातें या तो एक ही शिविर के दौरान की जा सकती हैं या फिर अलग-अलग शिविरों में।