
पन्ना जिले में खेत पर बनी झोपड़ी में अचानक आग लगने से दो बच्चे जिंदा जल गए। बच्चों के माता-पिता जंगल में लकड़ी बीनने गए थे। लौटे तो झोपड़ी राख बन चुकी थी।
घटना बृजथाना क्षेत्र के इटवांखास गांव में शुक्रवार सुबह करीब 9.30 बजे की है। खेत के आसपास मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद नायब तहसीलदार शशिकांत दुबे पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों संदीप (3) और अंकित (2) के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा है। झोपड़ी में आग कैसे लगी, इस बारे में अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
बच्चे सो रहे थे और आग लग गई
देसु आदिवासी (30) पत्नी के साथ दोनों बच्चों को खेत पर बनी झोपड़ी में सोता हुआ छोड़कर जंगल में लकड़ी बीनने चले गए थे। इसी दौरान झोपड़ी में सुबह करीब 9.30 बजे आग लग गई। जंगल से जब पति-पत्नी लड़की लेकर लौटे तो झोपड़ी जलकर खाक मिली। पिता देसु जोर-जोर से चिल्लाने लगा। आवाज सुनकर आसपास खेत पर काम कर रहे लोग पहुंच गए। इसकी सूचना पुलिस को दी। घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने शव का पंचनामा कराया है।
खेत पर बटाई का काम करता है पिता
अमानगंज थाना क्षेत्र के रतनपुरा गांव निवासी देसु आदिवासी अपने परिवार के साथ ओमप्रकाश बाजपेई के खेत पर बटाई पर काम करता था। फसल की रखवाली के लिए खेत की मेड़ पर घास की झोपड़ी बनाकर रह रहा था।
पटवारी रघुनाथ बागरी ने बताया कि
आज सुबह इतवांखास गांव में जमीन की रखवारी कर रहे देसु आदिवासी के दो बालक आग की चपेट में आ गए। दोनों मृत मिले हैं। नायाब तहसीलदार और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची है, जांच चल रही है।