
दमोह की क्रिश्चियन कॉलोनी में मानवाधिकार आयोग की शिकायत के बाद बुधवार रात पुलिस ने पीके शुक्ला के घर पर छापेमारी की। पुलिस को उसके घर से 12 बच्चे मिले। ये सभी बच्चे नवजागृति स्कूल में पढ़ते हैं। महिला बाल विकास और बाल कल्याण समिति भी इस दौरान मौजूद रही। ये सभी बच्चे नवजागृति स्कूल में पढ़ते हैं।
मकान मालिक पर ईसाई धर्म की शिक्षा देने का आरोप
मकान मालिक पीके शुक्ला पर आरोप है कि वह बच्चों को अपने घर में रखकर ईसाई धर्म की शिक्षा दे रहे हैं। हालांकि, उनका कहना है कि
ये बच्चे किराएदार हैं और उनके अभिभावकों से किराया अनुबंध किया गया है। 12 बच्चों में से दो मंडला, तीन बिजावर रामगढ़ (छतरपुर) और सात झाबुआ के हैं। इन बच्चों के रिश्तेदार राजपुर क्षेत्र में रहते हैं, जिन्होंने बच्चों की पढ़ाई और रहने की व्यवस्था के लिए संपर्क किया था।
धर्मांतरण के आरोपों पर शुक्ला का कहना है कि बच्चों के माता-पिता पहले से ही क्रिश्चियन हैं, इसलिए धर्मांतरण का सवाल ही नहीं उठता।
कोतवाली प्रभारी आनंद राज ने बताया कि
मानवाधिकार आयोग के पत्र के बाद यह कार्रवाई की गई है। हम जांच कर रहे हैं कि क्या इस तरह के हॉस्टल का कोई रजिस्ट्रेशन है।