
मध्यप्रदेश के जबलपुर में सरकारी दफ्तरों के ऑडिट की जिम्मेदारी संभालने वाले लोकल फंड ऑडिट विभाग (स्थानीय निधि संपरीक्षा विभाग) में 54 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है। विभाग के सहायक ग्रेड-3 संदीप शर्मा ने फर्जी भुगतान देयक और आदेश बनाकर अपात्र खातों में यह राशि ट्रांसफर कर दी।
फर्जी सिग्नेचर से बजट राशि का हेरफेर
जांच में सामने आया कि आरोपी संदीप शर्मा ने विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कई बार में बड़ी रकम अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर की। जब ट्रेजरी विभाग ने लेन-देन में गड़बड़ी पर आपत्तियां उठाईं, तब इस घोटाले का खुलासा हुआ। मामला कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना तक पहुंचने के बाद जब जांच हुई, तो 54 लाख रुपये से अधिक के गबन की पुष्टि हुई।
तीन अधिकारी निलंबित, आरोपी बाबू फरार
घोटाले के खुलासे के बाद संदीप शर्मा फरार हो गया है। संयुक्त संचालक की शिकायत पर ओमती थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जिला प्रशासन ने घोटाले में लापरवाही बरतने वाले वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की है।
गबन के इस मामले में लोकल फंड ऑडिट विभाग के सहायक ग्रेड-3 संदीप शर्मा, सीनियर ऑडिटर सीमा तिवारी और एडिशनल डायरेक्टर प्रिया विश्नोई को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस जांच और रिकवरी की तैयारी
कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि घोटाले में शामिल अधिकारियों से रिकवरी भी की जाएगी। साथ ही, पुलिस आरोपी बाबू संदीप शर्मा की तलाश में छापेमारी कर रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन इस घोटाले में और नामों के सामने आने की संभावना जता रहा है।