
मध्यप्रदेश के जबलपुर में संपरीक्षा विभाग के 7 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद अब पाटन नगर परिषद में 18 लाख रुपए से अधिक के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। यहां नगर परिषद के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सोमेश गुप्ता ने फर्जी टैक्स रसीदें काटकर लाखों रुपए का गबन किया। नगर परिषद सीएमओ की शिकायत पर पुलिस ने सोमेश के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
ऐसे सामने आया घोटाला
पाटन नगर परिषद में राजस्व विभाग में कार्यरत सोमेश गुप्ता को टैक्स वसूली और रसीद काटने का जिम्मा सौंपा गया था। 2023 में प्रदेश के ई-नगर पालिका पोर्टल में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे टैक्स वसूली का काम ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन होने लगा। 2024 में जब सर्वर बहाल हुआ और डेटा रिस्टोर किया गया, तब खुलासा हुआ कि सोमेश ने 2023-24 के दौरान कई फर्जी टैक्स रसीदें काटी थीं और वसूली गई राशि को अपने पास रख लिया था।
जांच बढ़ने पर पता चला कि 2018-2019 से 2024 तक सोमेश गुप्ता ने करीब 18 लाख रुपए का गबन किया। उसने इस रकम में से 8.60 लाख रुपए अपनी पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर किए थे।
रसीद घोटाले का तरीका
सोमेश गुप्ता बेहद शातिर तरीके से फर्जीवाड़ा कर रहा था। अगर 15 लोग टैक्स जमा करने आते, तो वह केवल 10 रसीदों का पैसा सरकारी खाते में जमा करता और बाकी 5 रसीदों की रकम खुद रख लेता।
भाजपा नेता का भाई है आरोपी
सोमेश गुप्ता 2016 से नगर परिषद पाटन में कार्यरत था। उसे उसके बड़े भाई, जो भाजपा के पूर्व पार्षद रहे हैं, की सिफारिश पर नौकरी मिली थी। वह जलकर, संपत्ति कर, दुकानों के किराए और पानी के टैंकर शुल्क जैसी वसूली की राशि ऑनलाइन जमा करने का काम करता था।
63 लाख का लेनदेन, 12 गुना अधिक पैसा
सोमेश की मासिक सैलरी 13,000 रुपए थी, लेकिन बैंक खातों की जांच में सामने आया कि उसने 5 अलग-अलग बैंक खातों में 63 लाख रुपए का लेनदेन किया है। उसकी सैलरी के हिसाब से उसके खाते में महज 4.5 लाख रुपए होने चाहिए थे, लेकिन उसने 12 गुना अधिक रकम जमा कर रखी थी।
जब नगर परिषद ने उससे गबन की गई राशि लौटाने को कहा, तो उसने भरोसा दिया कि वह जल्द ही पैसे वापस कर देगा। उसने करीब साढ़े तीन लाख रुपए जमा भी किए, लेकिन फिर राशि लौटाने में आनाकानी करने लगा। इसके बाद परिषद ने पाटन थाना पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई।
लग्जरी लाइफ स्टाइल का था शौकीन
महज 13 हजार रुपए महीने की नौकरी करने वाला सोमेश गुप्ता बेहद शानो-शौकत से जिंदगी जीता था। वह हर दिन काम खत्म करने के बाद दोस्तों के साथ कार से जबलपुर जाता और महंगे बार में शराब पीता था। दिसंबर 2024 में नौकरी से निकाले जाने के बाद भी उसकी यह लाइफस्टाइल जारी रही।
फरार हुआ आरोपी, पुलिस की तलाश जारी
जांच में यह भी सामने आया कि सोमेश ने तत्कालीन सीएमओ जयश्री चौहान, सहायक राजस्व निरीक्षक दीपेश बघेल और राजाराम प्यासी के फर्जी हस्ताक्षर कर कई नामांतरण भी कराए थे।
एसडीओपी पाटन लोकेश डाबर ने बताया कि सरकारी राशि के गबन के मामले में सोमेश गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। वर्तमान में वह फरार है, और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

सोमेश गुप्ता आरोपी