
दमोह जिले के गैसाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत गर्रे गांव के खेत में बनी झोपड़ी में मंगलवार दोपहर अचानक आग लग गई। जिससे एक वर्षीय बच्ची आग की चपेट में आ गई। उसे बचाने के प्रयास में मां भी झुलस गई। दोनों को गंभीर हालत में खेत मालिक व परिजनों द्वारा पहले हटा सिविल अस्पताल ले जाया गया। उसके बाद रात में दमोह जिला अस्पताल लाया गया, जहां ड्यूटी डॉक्टर दिव्यांशु अवस्थी के द्वारा इलाज शुरू किया गया, लेकिन बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
जानकारी के अनुसार गर्रे गांव में राजदीप सिंह राजपूत के खेत में फसल की रखवाली के लिए झोपड़ी बनाई गई थी। जिसमें देवरा जामसा निवासी सजीवन आदिवासी अपनी पत्नी कल्लो 26 वर्ष और एक वर्ष की बेटी रजनी के साथ रहता था और फसल की रखवाली का काम करता था। मंगलवार दोपहर अचानक लकड़ी और घांस से बनी झोपड़ी में आग लग गई। इस घटना में आग से झुलसी कल्लो बाई ने बताया वह नहा रही थी और बेटी झोपड़ी के अंदर सो रही थी।
एक बल्ब जल रहा था संभवतः उसी के शॉर्ट सर्किट से झोपड़ी में आग लग गई। जैसे ही उसने आग की लपटें देखी वह अंदर पहुंची बेटी तो आग में झुलस गई थी। उसे बचाने पहुंच गई और बाहर ले आई, जिसमें मां, बेटी दोनों आग की चपेट में आ गए। महिला के ससुर राकेश और पति सजीवन ने बताया वह लोग घर से बाहर थे। शॉर्ट सर्किट से झोपड़ी में आग लगने से मां, बेटी झुलस गए बेटी की हालत ज्यादा गंभीर है जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पहले भी हो चुकी घटनाएं
गौरतलब हो कि जिले के ग्रामीण अंचलों में लोग फसल की रखवाली करने खेत में ही कच्ची झोपड़ी बना लेते हैं। जिसमें शॉर्ट सर्किट के कारण इसी प्रकार के हादसे हो जाते हैं। पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।