
रीवा में करहिया मंडी के पास स्थित शराब दुकान को हटाने की मांग को लेकर महिलाओं का धरना जारी है। वह पिछले 24 घंटे से धरने पर बैठी हुई है। इनमें अधिकांश आर्मी ऑफिसर्स के परिवार शामिल हैं। मौके पर आबकारी विभाग और पुलिस के अधिकारी महिलाओं को समझाने पहुंचे, लेकिन वे असफल रहे।
महिलाओं का कहना है कि शराब दुकान के चलते इलाके में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बढ़ गया है। आए दिन शराबी सड़क पर हंगामा करते हैं और महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं होती हैं। इसी के खिलाफ महिलाएं धरने पर बैठी हैं और तब तक नहीं हटने का ऐलान कर चुकी हैं। महिलाओं का कहना है कि जान चली जाए लेकिन तब तक नहीं हटेंगे, जब तक प्रशासन दुकान को हटाने का ठोस फैसला नहीं लेता।
‘लाड़ली बहनों’ की सुरक्षा की मांग
धरने पर बैठी महिलाओं ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से गुहार लगाई है। उन्होंने खुद को ‘लाड़ली बहन’ बताते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। महिलाओं का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगी।
भजन-कीर्तन और नारेबाजी के साथ विरोध जारी
धरना स्थल पर महिलाएं भजन-कीर्तन और नारेबाजी कर रही हैं। उनका कहना है कि शराब दुकान के चलते इलाके का माहौल खराब हो गया है और महिलाएं तथा बच्चियां घर से बाहर निकलने में असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
महिला बोलीं- जीना मुश्किल हो गया
स्थानीय निवासी श्रद्धा मिश्रा ने बताया कि करहिया नंबर एक और सच्चा नगर कॉलोनी के लोग लंबे समय से इस समस्या से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि शराबी खुलेआम सड़क पर बैठकर शराब पीते हैं और नशे की हालत में घरों में घुसने की कोशिश करते हैं। वे खाली बोतलें घरों में फेंकते हैं और महिलाओं पर अश्लील कमेंट करते हैं।
ममता तिवारी ने चेतावनी दी कि अगर जल्द से जल्द दुकान नहीं हटाई गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
सैनिक परिवारों की भी परेशानी
सैनिक परिवारों की महिलाएं भी इस समस्या से जूझ रही हैं। श्रद्धा तिवारी के पति सूबेदार मेजर आर्मी में पदस्थ हैं। श्रद्धा ने कहा कि उनकी बेटियां अब घर से बाहर निकलने में डरती हैं। उन्होंने बताया कि कभी सड़क पर पत्थर रख दिया जाता है, तो कभी शराबी घरों के सामने आकर बैठ जाते हैं।
आबकारी अधिकारी बोले- वरिष्ठ कार्यालय भेजा आवेदन पत्र
धरने की सूचना मिलते ही सहायक आबकारी आयुक्त अनिल जैन मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि स्थानीय रहवासियों ने आवेदन पत्र दिया है, जिसे वरिष्ठ कार्यालय भेजा जाएगा। आवेदन पर जो भी निर्णय लिया जाएगा, उससे प्रभावित परिवारों को अवगत कराया जाएगा। हालांकि, प्रदर्शनकारी महिलाओं ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।