
छतरपुर की धरोहर भीमकुंड इन दिनों खाली होता जा रहा है। भीमकुंड के इतिहास में यह पहली घटना है। कुंड में पानी 12 फीट नीचे पहुंच गया है। गिल्ला लोधी (80) जमींदार ग्राम छायन ने बताया कि उनकी जानकारी में आज तक भीमकुंड इतना खाली कभी नहीं हुआ। इसके अलावा भीमकुंड आश्रम में रहने वाले सभी साधु संतों ने भी यही बात कही।
बाजना सहित आस पास के गांवों में कुआें का जलस्तर भी गिर गया है। जिले के बाजना गांव के पास पहाड़ी क्षेत्र में प्राचीन धार्मिक स्थल भीमकुंड स्थित है। स्थानीय लोगों की मानें तो गुफा के अंदर स्थित भीमकुंड बुंदेलखंड के ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों एवं साधकों की तपोस्थली रही है। इस स्थल पर अथाह जलकुंड वैज्ञानिक शोध का केंद्र भी बना हुआ है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि वैज्ञानिक इस जल कुंड में कई बार गोताखोरी करवा चुके हैं, लेकिन इस जल कुंड की थाह अभी तक कोई नहीं पा सका। गोताखोर 100 फीट तक नीचे ही जा पाए थे। तेज लहरों के कारण उन्हें वापस आना पड़ा था। यहां विष्णु-लक्ष्मीजी के मंदिर के समीप एक और प्राचीन मंदिर स्थित है।