
रीवा में महावीर जयंती के अवसर पर जैन समाज द्वारा शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें जियो और जीने दो का संदेश दिया गया। भगवान महावीर जयंती के अवसर पर शोभायात्रा रीवा के कटरा जैन मंदिर से शुरू होकर शहर भर में पहुंची। शोभायात्रा में शामिल झांकिया आकर्षण का केंद्र बनी। बैंड बाजों के साथ निकाली गई शोभायात्रा में शामिल झांकियों पर शहर के लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
जैन मंदिर से शुरू हुई शोभायात्रा से पहले भगवान महावीर की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान समाज के लोगों ने 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के पंचशील सिद्धांतों पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि उनके सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं, जो मानव कल्याण के लिए सार्थक हैं। वहीं समाज द्वारा लोगों को जियो और जीने दो का संदेश दिया गया।
30 वर्ष की आयु में आध्यात्मिक मार्ग अपनाया
किशोर जैन ने बताया कि भगवान महावीर का जन्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार में हुआ था। भगवान महावीर का जन्म रानी त्रिशला और राजा सिद्धार्थ से हुआ था। 30 वर्ष की आयु में उन्होंने सबकुछ छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया। हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर महावीर जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान महावीर की मूर्ति के साथ जुलूस निकाला जाता है और धार्मिक गीत गाए जाते हैं।