
जबलपुर में रात 12 बजे के बाद आपको दवा भले ही ना मिले, दारू जरूर मिल जाएगी। आबकारी नियम के अनुसार रात 11:30 बजे शराब दुकानें बंद तो हो जाती हैं, पर शटर के नीचे से रातभर दारू बिकती है। कई दुकानों में साइड में एक खिड़की बना ली गई है, जहां से शराब की बोतलें उपलब्ध कराई जाती हैं। इसका विरोध भी शुरू हो गया है। रांझी में स्कूल के पास शराब दुकान खुलने का जमकर विरोध हो रहा है। वहां महिलाएं तालाबंदी कर चुकी हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी विभाग ने जबलपुर में शराब का ठेका 922 करोड़ रुपए में दिया है, जो कि बीते साल 764 करोड़ रुपए की अपेक्षा 19.2 प्रतिशत अधिक है। जाहिर है बढ़कर ठेका हुआ है, तो ठेकेदार करोड़ों रुपए कमाएंगे भी। फिर चाहे कोई भी तरीका अपनाना पड़े। ऐसे में देर रात तक शराब बेची जा रही है, जिसका व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है। आधारताल में देर रात दुकान खुलने पर स्थानीय लोगों ने प्रशासन का घेराव किया, तो गढ़ा में रात दो बजे तक शराब बेची जा रही है, जिसके चलते स्थानीय लोग खासा नाराज हैं।
दाम हो जाते हैं डेढ़ गुना
रात 11:30 बजे दुकान बंद होने के बाद शराब लेने वालों को डेढ़ गुना दाम देने पड़ते हैं। वे अतिरिक्त राशि खिड़की या शटर के नीचे से शराब परोसे जाने के लिए देते हैं। कहीं-कहीं तो वॉटल के दो-गुने दाम भी देने पड़ते हैं।
छोटी खिड़की का राज
शराब दुकानों में सामने की तरफ शटर होता है और साइड में एक छोटी सी खिड़की होती है। रात को कर्मचारी शराब दुकान के अंदर रहते हैं। बाहर से ताला लगा दिया जाता है। रात 12 बजे के बाद शटर तो बंद रहता है, पर छोटी सी खिड़की खुल जाती है, जिससे कि मनचाहे रेट में शराब बेची जाती है। जबलपुर शहर की अधिकतर शराब दुकानों में ये छोटी सी खिड़की जरूर नजर आएगी। ताज्जुब की बात तो यह है कि दुकान में खिड़की बनी हुई है, इसकी जानकारी आबकारी विभाग को होती है और पुलिस को भी।
शटर के नीचे से शराब लें-ऑनलाइन पेमेंट करें
शहर में कुछ शराब दुकानें ऐसी हैं, जहां खिड़कियां नहीं हैं, तो यहां पर शराब प्रेमियों के लिए शटर के नीचे से व्यवस्था की जाती है। दुकान के बाहर से शराब की डिमांड की जाती है, उसके रेट के हिसाब से अंदर रहने वाला कर्मचारी कीमत बताता है और ऑनलाइन पेमेंट होने पर शटर के नीचे से शराब उपलब्ध हो जाती है।
शराब दुकान का विरोध भी जोरों पर
रांझी के मोहनियां गांव में खोली गई शराब दुकान का महिलाओं ने जमकर विरोध किया। हिंदू संगठन से जुड़ी एक महिला प्रीति धनधारिया 8 घंटे तक महिलाओं के साथ शराब दुकान के बाहर धरने पर बैठी रहीं। महिलाओं का कहना था कि जिस जगह पर शराब दुकान खुली है, उसके पीछे मंदिर है और पास ही स्कूल। शराब दुकान के सामने से रोजाना महिलाएं और बच्चे गुजरते हैं, जिसका उन पर खराब असर पड़ता है। महिलाओं के धरने को देखते हुए स्थानीय विधायक ने आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द शराब दुकान कहीं और शिफ्ट कर दी जाएगी।
आधारताल में तहसीलदार से शिकायत
आधारताल क्षेत्र के संजय नगर में रहने वाले स्थानीय नागरिकों ने शराब दुकान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। लोगों का कहना है कि दुकान संचालक समय सीमा का उल्लंघन करते हुए रात 1- 2 बजे तक शराब बेचा करता है, जिससे कि क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियां और सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गईं। शराबी शराब के नशे में सड़क पर हंगामा करते हैं। दुकान को बंद करने और कार्रवाई की मांग करते हुए तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। तहसीलदार ने जांच का आश्वासन देते हुए वैधानिक कार्यवाही की बात कही है।
खानापूर्ति के लिए पुलिस-आबकारी की टीम
रात 12 बजे के बाद पुलिस और आबकारी विभाग की टीम गश्त करने का दावा करती हैं, पर कैमरों में कैद ये तस्वीर पोल खोल रही हैं। कार्रवाई न होने से शराब दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं और बेफिक्र होकर देर रात तक शराब भी बेची जा रही है। आबकारी और पुलिस की टीम नए साल, होली, दीपावली के समय जरूर दुकान, बार में चेकिंग करती नजर आ जाती हैं। दुकानों के साथ-साथ ढाबा-रेस्टोरेंट पर भी खुलेआम शराब पिलाई जा रही है, जिन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होती है।
एएसपी सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि
रोजाना पुलिस गश्त करती है, जिस दुकान में देर रात शराब बेचते हुए कोई मिलता है, उस पर कार्रवाई भी होती है।
जिले में 143 दुकान-दूसरे राज्यों से भी आए ठेकेदार
जबलपुर जिले में इस वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 143 शराब दुकान जिले में खोली गई हैं, जिसमें करीब 80 से 90 शहरी सीमा में हैं। 922 करोड़ रुपए खर्च करके शराब दुकान लेने वालों में ठेकेदार जबलपुर के अलावा दमोह, इंदौर, कटनी, नरसिंहपुर बिलासपुर और रायपुर के हैं, जिन्होंने कि 19.2 प्रतिशत अधिक रेट में शराब का ठेका लिया है।

