
सागर में सर्व धर्म कौमी एकता के प्रतीक कुतुब हजरत सैयद दाऊद मक्की चिश्ती साबरी रह. अलैह पीली कोठी वाले बाबा के 75 वें उर्स के दूसरे दिन शनिवार को कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कव्वाली प्रोग्राम का उद्घाटन मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया। जिसके बाद दरगाह प्रबंध कमेटी और उर्स कमेटी ने अतिथियों का फूल मालाओं, शॉल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।
पीली कोठी वाले बाबा के सालाना उर्स के आयोजक अब्दुल नईम खान ने बताया कि कव्वाली प्रोग्राम में हिंदुस्तान के मशहूर फनकार गुलाम बारिश कव्वाल पार्टी और शीबा परवीन कव्वाला पार्टी के बीच पूरी रात कव्वाली मुकाबला हुआ। इस दौरान उन्होंने कव्वाली और गजलों की प्रस्तुतियां दी। जिसे सुनने के लिए बड़ी संख्या में बाबा के श्रद्धालु पहुंचे।
इस दौरान कव्वाल पार्टी ने प्रस्तुति देते हुए कहा कि जमी पे रहके भी जन्नत निशां में रहते हैं, हमें है नाज के हम हिन्दोस्तां में रहते हैं, मिल जुल कर एक साथ रहेंगे बात ये दिल में ठानी हैं, हिंदू-मुस्लिम बाद में हैं, पहले हम हिंदुस्तानी हैं। इसके साथ ही कव्वाली और गजलों की शानदार प्रस्तुति दी गई। जिसे सुनने के लिए लोग रात भर उर्स के मैदान में डटे रहे और जमकर झूमते रहे। उर्स में शामिल होने सागर जिले के आसपास आसपास के जिलों के श्रद्धालु भी पहुंचे। उन्होंने बाबा की दरगाह में पहुंचकर मत्था टेका।
आकर्षक विद्युत सजावट की गई
उर्स के मौके पर बाबा की दरगाह पर आकर्षक विद्युत सजावट की गई है। दरगाह पर फातिहा के साथ नाते पाक, सलाम पेश किया जाकर देश की एकता और अखंडता, अमन-चैन की दुआ की गई। तबर्रुख (प्रसादी) का वितरण किया गया।
आयोजक खान ने बताया कि पीली कोठी वाले बाबा के सालाना उर्स के तीसरे दिन रविवार को भी तमाम रात हिंदुस्तान के मशहूर फनकार मुराद आतिश कव्वाल पार्टी और शाहीन शबा कव्वाला पार्टी के बीच कव्वाली और गजलों का मुकाबला होगा।