
सागर जिले के हिनौती गांव में सांप काटने से 11 वर्षीय बच्ची वैशाली की मौत हो गई। परिजन अस्पताल की बजाय तांत्रिक के पास झाड़-फूंक कराने ले गए, जिससे समय पर इलाज न मिलने से बच्ची की जान चली गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
बुंदेलखंड अंचल में आज भी किसी को अगर सर्प काट ले तो अधिकांश लोग आज भी अस्पताल की जगह झाड़ फूक में फंसकर जान गंवा देते हैं। ऐसा ही एक मामला जिले की रहली तहसील क्षेत्र के एक गांव में सामने आया, जहां सांप के काटने का शिकार हुई 11 वर्ष की बच्ची की झाड़ फूंक के चक्कर में जान चली गई।
जानकारी के अनुसार देर रात घर के मटके से पानी पीने गई बच्ची को अंधेरे में सांप ने डस लिया था। परिजन उसे अस्पताल की जगह करीब 15 किलोमीटर दूर किसी तांत्रिक के पास झाड़ फूंक कराने ले गए, जहां तांत्रिक ने कुछ ढकोसलेबाजी करके बच्ची को अस्पताल ले जाने को बोल दिया। अस्पताल में बच्ची की मौत होने के बाद भी परिजनों को समझ नहीं आई, और मृत बच्ची के शव को लेकर रहली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से करीब 10 किलोमीटर दूर किसी अन्य तांत्रिक के पास ले गए और बच्ची को दोबारा जिंदा करने की बात करने लगे। ग्रामीणों की समझाइश पर परिजन बच्ची के शव को लेकर वापस अस्पताल पहुंचे और फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।