
मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से लगे वन परिक्षेत्र पतौर के अंतर्गत मझौली गांव में एक तेंदुए का कंकाल मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। बताया जा रहा है कि कंकाल जिस स्थान पर मिला है, वह राजस्व क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग और रिज़र्व प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।
घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचे अधिकारियों में बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय, एसडीओ पनपथा भूरा गायकवाड़, वन परिक्षेत्राधिकारी अर्पित मैराल, एनटीसीए के प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र प्रजापति और पनपथा के सरपंच मूलचंद जायसवाल शामिल थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉग स्क्वाड की भी सहायता ली गई, जिससे घटना स्थल और आसपास के इलाके की गहन जांच की जा सके।
प्राथमिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि तेंदुआ लगभग दो हफ्ते पहले मरा होगा और तब से वह मांसाहारी जानवरों का निवाला बनता रहा है। हालांकि, तेंदुए की मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा फिलहाल नहीं हो सका है। वन विभाग ने शव को संरक्षित कर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कराई। वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. राजेश तोमर और आदर्श पशु चिकित्सक विपिन चंद्र ने मौके पर ही पीएम किया और सभी जरूरी नमूने एकत्र किए। इसके बाद अधिकारियों की उपस्थिति में तेंदुए का अंतिम संस्कार किया गया।
क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय ने बताया कि यह पूरी कार्यवाही राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) नई दिल्ली और मध्यप्रदेश के मुख्य वन्य जीव अभिरक्षक कार्यालय भोपाल के दिशा-निर्देशों के अनुसार की गई है। स्थल को सुरक्षित कर लिया गया है और आसपास के क्षेत्र में भी छानबीन जारी है ताकि किसी भी प्रकार की वन्य अपराध गतिविधि की पुष्टि हो सके।
वन विभाग ने इस मामले में वन अपराध क्रमांक 446/12 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है और आवश्यक कानूनी कार्यवाही जारी है। अधिकारी मौत के संभावित कारणों की गहराई से जांच कर रहे हैं, जिसमें शिकार, आपसी संघर्ष या बीमारी जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है।