
नशे के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन चला रही रीवा पुलिस ने विंध्य में पहली बार नशीली कोरेक्स सिरप का नष्टीकरण कराया है। पुलिस के अनुसार, रीवा जिले के सात थानों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 2019 और 2020 में जब्त की गई 5157 शीशियां शुक्रवार को सतना जिले की प्रिज्म सीमेंट फैक्ट्री में नष्ट की गईं।
इस दौरान डीआईजी राजेश सिंह चंदेल, ड्रग विनष्टीकरण समिति, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सतना के सदस्य, रीवा एसपी विवेक सिंह, सतना एसपी आशुतोष गुप्ता, एसडीओपी उदित मिश्रा और संबंधित थानों के प्रभारी मौजूद रहे।
पहली बार कोरेक्स सिरप का नष्टीकरण
बताया जा रहा है कि अब तक पुलिस केवल कोरेक्स सिरप को जब्त कर थानों में रखती थी, लेकिन नष्ट करने की प्रक्रिया तय नहीं थी। इससे थानों में पांच-छह साल तक पुरानी जब्ती का स्टॉक जमा होता रहा, जिससे जगह भी घिरती गई।
डीआईजी राजेश सिंह चंदेल ने पुलिस मुख्यालय भोपाल और नारकोटिक्स विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर सीमेंट फैक्ट्री में नष्टीकरण की अनुमति ली। इसके बाद तय हुआ कि नशीली सिरप को पर्यावरण मानकों के तहत सीमेंट प्लांट में जलाकर ही नष्ट किया जाएगा।
एसडीओपी उदित मिश्रा ने बताया कि अब यह प्रक्रिया एक बार की नहीं रहेगी, बल्कि सतत चलेगी। जैसे शराब और गांजा का विनष्टीकरण होता है, वैसे ही अब नियमित तौर पर नशीली कफ सिरप भी वैज्ञानिक विधि से नष्ट की जाएगी।
रीवा कोरेक्स के नशे का गढ़
जानकारी के मुताबिक, पिछले एक दशक में रीवा जिले में कोरेक्स सिरप की अवैध बिक्री सबसे ज्यादा रही है। यहां बड़ी संख्या में युवा इस नशे की चपेट में आ चुके हैं। सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी की एक रिसर्च के मुताबिक रीवा जिले में करीब 40 प्रतिशत युवा कोरेक्स का नशा करते हैं। कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने तो रीवा को ‘कोरेक्स सिटी’ तक कह दिया था।
डिप्टी और सांसद भी नशे को लेकर जता चुके चिंता
हालांकि डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला और सांसद जनार्दन मिश्रा भरे मंच से इस बात को कबूल कर चुके हैं कि रीवा के युवा बुरी तरह कोरेक्स के नशे की चपेट में आ चुके हैं। नवनिर्मित अटल पार्क के लोकार्पण में रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा था कि रीवा में आज जहां जाओ कोरेक्स की बोतल पड़ी नजर आती है। अब यह नया पार्क बना है निवेदन है कि यहां बैठकर कोई कोरेक्स न पिए।
इसी तरह डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने 2023 में कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम से कहा था कि रीवा में युवा पीढ़ी कोरेक्स और मेडिकल नशे की चपेट में आती चली जा रही है।
