
जबलपुर के खटवानी मोटर्स में काम करने वाले सेल्स मैनेजर अमित बैरागी अचानक लापता हो गया है। परिजनों ने उसके अपहरण की आशंका जताते हुए जबलपुर पुलिस से शिकायत की है। परिजनों का कहना है कि 29 जून को अमित शहडोल से जबलपुर के लिए कार से निकला था, लेकिन उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल रहा है। उसकी कार खटवानी मोटर्स ऑफिस के सामने खड़ी मिली है।
परिजनों ने जताई अपहरण की आशंका
अमित के परिजनों का आरोप है कि उसका अपहरण किया गया है और इस मामले में खटवानी मोटर्स के मालिक राबिन खटवानी सहित कुछ अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। परिजनों के मुताबिक, अमित 29 जून की सुबह कार क्रमांक CG 10 BF 7152 से जबलपुर के ऑफिस के लिए निकला था। उसके पास लगभग 27 लाख रुपए नकद थे। उसी रात से उसका मोबाइल बंद है।
खटवानी मोटर्स के मालिक ने आरोपों को नकारा
इस पूरे मामले पर खटवानी मोटर्स के मालिक राबिन खटवानी का कहना है कि अमित बैरागी ने कई ग्राहकों से कार बुकिंग और आरटीओ कार्य के नाम पर लाखों रुपए लिए थे। कुछ ग्राहकों ने इसके खिलाफ शिकायत भी की थी। मालिक का कहना है कि अमित का अपहरण नहीं हुआ है, बल्कि वह स्वयं कहीं चला गया है।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
अमित के साले, जो अनूपपुर से जबलपुर पहुंचे, उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि जब उन्होंने खटवानी मोटर्स के जबलपुर ऑफिस में पूछताछ की, तो कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। परिजनों का यह भी आरोप है कि खटवानी मोटर्स के मालिक राबिन खटवानी सहित मैनेजर आलोक चौरसिया, आशीष अग्रवाल और अरुण कुशवाह कंपनी में टैक्स चोरी, चोरी की गाड़ियां बेचना और वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी जैसे अवैध काम करवाते थे। अमित ने जब इन कार्यों से इनकार किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई।
पुलिस ने जांच शुरू की
एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि अमित के परिजन जबलपुर पहुंचे और उसकी गुमशुदगी की जानकारी दी। परिजनों ने बताया कि चार दिन से उसका कोई पता नहीं है और मोबाइल भी बंद है। परिजनों की शिकायत के आधार पर आवेदन मदन महल थाना प्रभारी को सौंपा गया है। मामले की जांच की जा रही है। यदि किसी भी तरह के अपराध की पुष्टि होती है तो कार्रवाई की जाएगी।
कार अब भी ऑफिस में खड़ी है
खटवानी मोटर्स के संचालक राबिन खटवानी ने बताया कि अमित कुछ सालों से कंपनी में कार्यरत था और उस पर कुछ ग्राहकों से पैसे लेने के आरोप लगे थे। उसे कुछ दिन पहले स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि जिनसे पैसे लिए हैं, उन्हें वापस लौटाए। अमित ने इस पर सहमति भी जताई थी। उसकी कार अभी भी कंपनी के ऑफिस परिसर में खड़ी है।