
जबलपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते समय माला बंसल के 4 साल के बेटे वारिस बंसल का पैर एस्केलेटर में फंस गया। बच्चे की चीख सुनकर एस्केलेटर बंद कराकर रेस्क्यू शुरू किया गया। करीब 45 मिनट बाद बच्चे का पैर निकल पाया। इस दौरान वह दर्द से कराहता रहा। रेलवे प्रबंधन ने बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत ठीक है। घटना गुरुवार रात की है।
माला बंसल अमरकंटक ट्रेन से अपने मायके शहडोल जा रही थीं। वे प्लेटफार्म-6 पर ट्रेन का इंतजार करते हुए मोबाइल चला रही थीं और उनका बेटा खेल रहा था। वह एस्केलेटर के पास काफी देर तक खेलता रहा। इस बीच बच्चे का एस्केलेटर में पैर फंस गया। बच्चे की चीख सुनकर मां के साथ-साथ आसपास बैठे यात्री भी दौड़े और एस्केलेटर बंद कराया। फिर रेलवे के अधिकारियों और आरपीएफ को सूचना दी गई।
इसके बाद इंजीनियर आए और रेस्क्यू शुरू हुआ। 45 मिनट की मशक्कत के बाद बच्चे का पैर एस्केलेटर से निकला। उसके पैर में गंभीर चोट आई है। रेस्क्यू के दौरान सीनियर डीसीएम मधुर वर्मा और आरपीएफ पोस्ट प्रभारी सुधीर कुमार भी मौके पर पहुंच गए। रेलवे प्रबंधन ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।
मोबाइल पर था मां का ध्यान
घटना के समय बच्चे की मां माला बंसल का ध्यान मोबाइल पर था। दरअसल, ट्रेन आने में समय था, इसलिए माला ने मोबाइल निकाला और स्क्रॉल करना शुरू कर दिया। वहीं बच्चा बगल में खेल रहा था। खेलते-खेलते वह एस्केलेटर तक पहुंच गया और दुर्घटना हो गई।
लोहे की रॉड की मदद से निकला पैर
बच्चे का पैर निकालने के लिए इंजीनियर ने काफी मशक्कत की। इसके लिए लोहे की रॉड लाई गई। रॉड का एस्केलेटर में फंसाकर खींचा गया। तब जाकर पैर बाहर निकला। पैर खून से लथपथ था। आरपीएफ की टीम ने तुरंत बच्चे को लिया और निजी अस्पताल लेकर पहुंची। माया बंसल ने बताया कि बेटे के पैर का ऑपरेशन हुआ है। इलाज का पूरा खर्चा रेलवे प्रशासन उठा रहा है।