
रीवा के कनोडिया पेट्रोल पंप पर सोमवार रात उस समय हंगामे जैसे हालात बन गए जब एक ग्राहक ने डीजल की मात्रा को लेकर शक जाहिर करते हुए अपनी कार की टंकी ही खुलवा दी। फिर चार घंटे तक पंप पर ही बैठकर नाप-जोख कराता रहा। जमीन पर टंकी रखी गई और उसमें भरे करीब 65 लीटर डीजल को 10-10 लीटर के गैलनों में मापा गया।
घटना रात की है, जब प्रिंस मिश्रा नाम के युवक ने डीजल भरवाने के बाद शक जाहिर किया। उन्होंने बताया कि, “मेरे वाहन की टंकी की क्षमता कंपनी के मुताबिक 50 लीटर है, जबकि पंपकर्मियों ने कुल 53.5 लीटर डीजल भर दिया। कार में पहले से भी लगभग 5-6 लीटर डीजल मौजूद था।” प्रिंस ने कहा कि उन्होंने शक होने पर मैकेनिक बुलवाकर कार की टंकी निकलवाई और जमीन पर रखवा दी।
पंपकर्मियों से घंटों बहस, नतीजा नहीं निकला
करीब चार घंटे तक चले इस घटनाक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। बावजूद इसके, ग्राहक और पेट्रोल पंप प्रबंधन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे। प्रिंस मिश्रा का कहना था, “मैं किसी को दोषी नहीं ठहरा रहा, लेकिन मुझे शुरुआत से ही कुछ गलत लगा। यह सब मैंने अपनी संतुष्टि के लिए किया।”
पेट्रोल पंप प्रबंधन ने आरोपों को नकारा
पेट्रोल पंप प्रबंधन का कहना है कि “हम किसी ग्राहक के साथ धोखाधड़ी नहीं करते। मशीनें जांची हुई होती हैं और तय मानकों के अनुसार ही डीजल डाला जाता है।” उन्होंने घटना को ग्राहक के वाहन की तकनीकी गड़बड़ी या सेंसर की समस्या से जोड़कर खारिज किया।
टेक्निकल पहलू भी उठा
जानकारों के मुताबिक, कुछ गाड़ियों की टंकी में ‘एक्स्ट्रा स्पेस’ या रिजर्व जगह होती है, जिससे थोड़ी ज्यादा मात्रा डीजल भर जाना असामान्य नहीं है। हालांकि पंप पर मशीन की जांच और टंकी की क्षमता की तकनीकी पुष्टि के बिना कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता।