
रीवा के संजय गांधी अस्पताल में निजी एंबुलेंस संचालकों द्वारा मरीजों और उनके परिजनों से मनमाने पैसे वसूलने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर इस संबंध में कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें एंबुलेंस चालकों और वार्ड बॉय की सांठगांठ से दो से तीन गुना तक किराया वसूला जा रहा है।
वायरल वीडियो में चालक का बयान है कि वीडियो बना लो, हमारा कुछ नहीं होने वाला।
एक वायरल वीडियो में एंबुलेंस चालक संदीप मिश्रा मरीज के परिजनों से दबंगई के साथ पैसे मांगते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में वह कहते सुनाई दे रहा है वीडियो बना लो, हमारा कुछ नहीं होगा। इससे अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस माफिया की गंभीर सच्चाई सामने आ रही है।
वार्ड बॉय की सीधी मिलीभगत, परिजनों से ऑनलाइन ट्रांसफर कराते हैं पैसे सबसे गंभीर आरोप अस्पताल के वार्ड बॉय संदीप मिश्रा पर हैं, जो कथित रूप से मरीजों के परिजनों से सीधे निजी एंबुलेंस चालकों के अकाउंट में पैसा डलवाते हैं। ये पैसा दोगुने-तिगुने किराए के रूप में लिया जाता है, चाहे वह मरीज हो या शव वाहन की जरूरत।
जल्द शुरू होगा प्रीपेड एंबुलेंस बूथ, दोषियों पर कार्रवाई की बात
मामले के तूल पकड़ने के बाद संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, मामला मेरे संज्ञान में है। आरोप मेरे ऊपर भी लगाए जा रहे हैं जो निराधार हैं। एंबुलेंस चालकों की अंदरूनी प्रतिस्पर्धा और रेट गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। जल्द ही हम प्रीपेड एंबुलेंस बूथ शुरू करने जा रहे हैं, जिससे मरीजों को राहत मिलेगी और तय रेट पर ही सेवा मिलेगी।
डॉ. मिश्रा ने यह भी बताया कि अस्पताल परिसर में अभद्रता, शराब सेवन और मारपीट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा गया है।
इस पूरे घटनाक्रम ने स्वास्थ्य सेवा की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जरूरत के वक्त परिजनों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाना पैसा वसूलना सिर्फ अव्यवस्था नहीं, अमानवीयता भी है।