
स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में सागर नगर निगम को देश में 10वीं रैंक मिली है। पिछली साल यही रैंक 70वीं थी। शहर में सड़कों का निर्माण और बेहतर साफ-सफाई के कारण इस बार स्वच्छता में सागर की रैंक में सुधार हुआ है।
रैंक मिलने पर महापौर संगीता तिवारी ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में देश में सागर को 10 वीं रैंक मिलने पर नगर निगम द्वारा सभी स्तरों पर प्रयास किए गए।
उन्होंने बताया जगह-जगह कचरे के ब्लैक, रेड स्पॉट को समाप्त कराया, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई के कार्य लगातार किए गए, शहर में ऐसी सड़कों का निर्माण किया गया, जहां पर हमेशा गंदगी बनी रहती थी।
नई सड़कों और चौराहों के निर्माण व सौंदर्यीकरण से शहर की स्वच्छता को नई दिशा मिली है। शहर के सभी 48 वार्डों में नियमित रूप से साफ-सफाई के कार्य किए गए।
लोगों को घरों और दुकानों से निकलने वाले कचरे को कचरा गाड़ी में डालने के लिए जागरूक किया गया। विभिन्न स्थानों पर नगर निगम द्वारा पौधारोपण के कार्य किए गए। लगातार किए गए प्रयासों से सागर की रैंक में सुधार हुआ है।
जनता का फीडबैक, मटका खाद से सुधरी रैंक
महापौर तिवारी ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या रेलवे की जमीन से सीवर लाइन बिछाने की थी। जिसकी अनुमति नहीं मिलने के कारण सीवर प्रोजेक्ट का कार्य कई वर्षों से लंबित था। जिसकी स्वीकृति दिलाई और सीवर प्रोजेक्ट का कार्य पूर्ण हुआ।
अगर यह कार्य नहीं होता तो सागर को वाटर प्लस की उपलब्धि प्राप्त नहीं होती। इसकी 10वीं रैंक प्राप्त होने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसके साथ ही वार्डों की जो भी समस्याएं स्वच्छता से जुड़ी थी, उन्हें प्राथमिकता से समय- समय पर ठीक कराया। सागर को 10वीं रैंक प्राप्त होने में शहरवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
क्योंकि उन्होंने स्वच्छता के लिए फीड बैक दिया और शहर में किसी भी जगह कचरा एकत्रित नहीं हो, इसके लिए लोगों को मटका खाद बनाने के लिए प्रेरित किया। जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।