
रीवा जिले में दिसंबर 2024 में हुई एक अंधी हत्या का पुलिस ने 7 महीने बाद खुलासा कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि हत्या किसी बाहरी शख्स ने नहीं, बल्कि मृतक के दोस्त ने ही की, और वह भी नशे की हालत में मामूली विवाद के बाद।
दोस्त ने गुस्से में आकर इंजेक्शन का ओवरडोज देकर अपने साथी की जान ले ली। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
फरियादी छोटकी कोल, उम्र 40 वर्ष, निवासी कंधरा (थाना बरगढ़, जिला चित्रकूट) ने 9 दिसंबर 2024 को थाना जनेह में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका पति रमेश आदिवासी 8 दिसंबर की रात किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ घर से निकला था और वापस नहीं लौटा।
अगले दिन सुबह उसकी लाश मझियारी रेलवे स्टेशन के पास, सरूई गांव, थाना जनेह सीमा क्षेत्र में बीड़ी के बंडल और शराब की बोतल के साथ मिली।
पोस्टमार्टम में स्पष्ट कारण नहीं, मौत की वजह शराब बताई गई
पोस्टमार्टम रिपोर्ट सीएचसी त्योंथर से कराई गई, लेकिन उसमें मृत्यु का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। रिपोर्ट में सिर्फ यह कहा गया कि अत्यधिक शराब पीने के कारण मृत्यु हो सकती है।
पुलिस ने मामला मर्ग क्रमांक 29/24 धारा 194 बीएनएसएस के तहत दर्ज कर गहराई से जांच शुरू की।
जांच में सामने आया – दोस्त ही था हत्यारा
मर्ग जांच के दौरान पुलिस ने मृतक के संपर्कों की जांच की और इलाके के लोगों से पूछताछ की। इसी क्रम में पता चला कि प्रकाश मौर्या नामक व्यक्ति उस रात मृतक के साथ था। प्रकाश पनिहाई सेमरा (थाना बरगढ़, चित्रकूट उ.प्र.) का निवासी है और डभौरा में रह रहा था।
प्रकाश को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि उसने अपने दोस्त अखिलेश मौर्या, निवासी मुर्का (थाना बरगढ़) के साथ मिलकर रमेश को एनआरएक्स लोरी डायजेपाम इंजेक्शन दिया था।
मामूली गाली-गलौज में दिया खतरनाक इंजेक्शन
रात को तीनों ने मिलकर शराब पी, जिसके बाद रमेश ने गाली-गलौज शुरू कर दी। इसी बात से नाराज़ होकर अखिलेश, जो पहले प्राइवेट अस्पताल में काम कर चुका था, ने रमेश को डायजेपाम का ओवरडोज इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों को 26 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ धारा 105 बीएनएस, SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(v) के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
एसडीओपी उदित मिश्रा ने कहा 7 महीने की गहन जांच के बाद इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ है। आरोपी अब सलाखों के पीछे हैं। यह मामला बताता है कि नशा और आपसी विवाद कैसे जानलेवा बन सकते हैं।