
दमोह के जबेरा ब्लॉक के कनिया घाट पटी गांव से निकली ब्यारमा नदी से वन विभाग ने मंगलवार सुबह तीसरे मगरमच्छ को पकड़ लिया है। इससे गांव के लोगों को राहत मिली है।
हालांकि, ग्रामीण अभी भी उस काले रंग के मगरमच्छ के पकड़े जाने का इंतजार कर रहे हैं, जिसने 11 जुलाई को एक महिला की जान ली थी। वन विभाग ने इन आदमखोर मगरमच्छों को पकड़ने के लिए नदी किनारे कई जगह पिंजरे लगाए हैं।
पिंजरों में मुर्गा रखा जाता है, जिसके लालच में मगरमच्छ फंस जाते हैं। मंगलवार सुबह मगरमच्छ पकड़े जाने की खबर फैलते ही आसपास के कई गांवों से सैकड़ों लोग इसे देखने पहुंचे।
ग्रामीणों ने कहा कि मगरमच्छों के पकड़े जाने से उनका डर कम हो रहा है। उन्होंने वन विभाग से घाट के पास फिर से पिंजरा लगाने का अनुरोध किया है। रेंजर विक्रम चौधरी ने बताया कि मगरमच्छों को पकड़ने के लिए कई स्थानों पर पिंजरे लगाए गए हैं।
11 जुलाई को इसी गांव में ब्यारमा नदी किनारे जल भरने गई 40 वर्षीय मालती बाई को मगरमच्छ अपने जबड़े में फंसाकर ले गया था। इससे उनकी मौत हो गई थी। करीब एक घंटे बाद रेस्क्यू टीम को शव मिला था।
पिछले साल भी इसी गांव में नदी किनारे से एक 10 वर्षीय बच्चे को मगरमच्छ ने दबोच लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके अलावा, 15 जुलाई को तेंदूखेड़ा ब्लॉक के झलौन गांव में धान का रोपा लगा रही संतोषरानी को भी मगरमच्छ पानी में खींच ले गया था। उनके बेटे ने पानी में कूदकर अपनी मां की जान बचाई थी।
