
बंडा विकासखंड के उल्दन बांध परियोजना से प्रभावित ग्राम किरोला, बमूरा और अन्य गांवों के लोगों ने बुधवार रात कलेक्टर कार्यालय के गेट पर धरना दिया। वे सर्वे में छूटे नामों को जोड़ने और मुआवजे की मांग को लेकर कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे, लेकिन मुलाकात न होने पर महिलाएं और बच्चे भी गेट पर धरने पर बैठ गए।
कलेक्टर न मिलने पर लोग अधिकारियों से सीधी बात करने पर अड़े रहे। देर रात करीब 11 बजे एसडीएम और सीएसपी मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रभावितों से बात की और दो दिन में समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया। इसके बाद लोग शांत हुए और अपने गांव लौट गए।
114 और 88 परिवारों के नाम छूटे
धरने पर बैठे सुनील जैन ने बताया कि ग्राम किरोला के 114 और बमूरा के 88 परिवारों के नाम सर्वे में नहीं जोड़े गए। एक साल से पुन: सर्वे और मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। दोबारा सर्वे भी हुआ, लेकिन उसका नतीजा आज तक नहीं बताया गया।
‘प्रशासन कर रहा गुमराह’
प्रभावितों का आरोप है कि कभी कहा जाता है कि फैसला कलेक्टर करेंगे, तो कभी कहा जाता है कि एसडीएम स्तर से समाधान होगा। प्रशासन केवल तारीख और आश्वासन दे रहा है, लेकिन समस्याएं जस की तस हैं।
दो दिन में हल का भरोसा
अब प्रशासन ने दो दिन में समाधान का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर फिर समाधान नहीं हुआ तो दोबारा आंदोलन होगा।