
रीवा संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद की मंगलवार को की गई अपील का अधिकारियों पर खास असर नहीं दिखा। उन्होंने सभी सरकारी कर्मचारियों से सप्ताह में एक दिन साइकिल या पैदल दफ्तर आने की अपील की थी, लेकिन हकीकत इसके उलट रही। कलेक्ट्रेट में जब रियलिटी चेक किया गया तो अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी कार और बाइक से आते नजर आए। कुछ ने तो कैमरा देखकर जानबूझकर वाहन की स्पीड बढ़ा दी ताकि नजरों से बच सकें।
रीवा कलेक्ट्रेट परिसर में प्रमुख विभागों की पार्किंग फुल नजर आई। यहां जितने वाहन खड़े थे, उनमें साइकिल न के बराबर दिखी। अधिकतर अधिकारी और कर्मचारी रोज की तरह कार या बाइक से दफ्तर पहुंचे।
कमिश्नर बोले- स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए जरूरी पहल
कमिश्नर बीएस जामोद खुद मंगलवार को साइकिल से दफ्तर पहुंचे और कहा, “इस पहल का उद्देश्य है कि अधिकारी और कर्मचारी सप्ताह में कम से कम एक दिन साइकिल या पैदल चलें। इससे शरीर स्वस्थ रहेगा और प्रदूषण भी कम होगा। मैंने खुद इसका पालन किया है और बाकी लोगों से भी यही उम्मीद थी।”
एमपीआरडीसी अधिकारी बोले- भूल गया था, इसलिए कार से आ गया
एमपीआरडीसी के एसके त्रिपाठी जब कार से उतरते नजर आए और उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं भूल गया था कि आज साइकिल से आना है। इसलिए आदतन कार से ही निकल पड़ा।”
