
दमोह के जिला न्यायालय परिसर में मंगलवार को एक युवक ने आत्महत्या का प्रयास किया। युवक की पहचान होशंगाबाद के कालका नगर निवासी 19 वर्षीय युवक जतिन चौरे के रूप में हुई। उसने पहले अपनी कलाई पर ब्लेड से वार किया। फिर खुद पर ज्वलनशील केमिकल डाल लिया।
आस-पास मौजूद पुलिस कर्मियों और लोगों ने तुरंत उसे पकड़ लिया और अस्पताल ले गए। कोतवाली टीआई मनीष कुमार ने अस्पताल में युवक से पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि दमोह के हिंडोरिया एसबीआई ब्रांच में एक फर्जी लोन मामले में पुलिस ने उसके भाई निखिल चौरे को भी आरोपी बनाया है।
जतिन का आरोप है कि उसके भाई का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और उसे फर्जी तरीके से फंसाया गया है। इसी बात से आहत होकर उसने यह कदम उठाने की कोशिश की।
क्या है पूरा मामला?
हिंडोरिया टीआई धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि 2021 में हिंडोरिया एसबीआई बैंक से सात आरोपियों ने फर्जी रेलवे कर्मचारी की पे-स्लिप का इस्तेमाल कर 15-15 लाख रुपए के चार लोन लिए थे। कुछ महीनों बाद वे सभी गायब हो गए।
छह महीने पहले एसबीआई हिंडोरिया ब्रांच के अधिकारी की शिकायत के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें होशंगाबाद निवासी निखिल चौरे, दीपक जैन, राजा खान समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया था। फिलहाल, सात में से छह आरोपी जेल में हैं, जबकि एक फरार है।
टीआई गुर्जर के मुताबिक, निखिल चौरे और दीपक जैन साइबर कैफे चलाते थे। उन्होंने यहीं पर फर्जी पे-स्लिप बनाई थी, जिसके आधार पर लोन लिया गया। इस जालसाजी में एसबीआई हिंडोरिया ब्रांच का एक कर्मचारी भी शामिल था।
कोतवाली टीआई मनीष कुमार ने बताया कि अभी युवक से शुरुआती पूछताछ की गई है। घबराहट की वजह से कुछ समय बाद उससे आगे की पूछताछ की जाएगी।